- दीपक बैज के खिलाफ साजिशों से परे रहकर होना होगा नेताओं को एकजुट
- कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़ को खुद हवा दे रहे हैं कांग्रेसी
–अर्जुन झा–
जगदलपुर: भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के संकल्प को छत्तीसगढ़ में खुद कांग्रेस के ही नेता हवा देने में लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पड़े ईडी के कदम ने कांग्रेस के लिए बड़े खतरे की घंटी बजा दी है। अपने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को निपटाने में लगे कांग्रेस नेता अब भी नहीं सम्हले तो कवासी लखमा के बाद कई और बड़े कांग्रेस नेता भी जल्द ईडी के शिकंजे में आ जाएंगे और फिर कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़ बनने में जरा भी देरी नहीं लगेगी। कांग्रेस नेताओं को अब एकजुट होकर वर्तमान चुनौती का मुकाबला करना होगा।
आपसी टांग खिंचाई की राजनीति के चलते वैसे भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बड़े ही बुरे दौर से गुजर रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली हार के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज बिना निराश हुए, बिना थके लगातार आम जनता के बीच पहुंचकर कांग्रेस का वजूद बचाए रखने और ईमानदार विपक्ष का धर्म निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दीपक बैज एक जुझारू आदिवासी नेता हैं। धूप, बरसात, ठंड की परवाह किए बगैर वे लगातार पार्टी को पुर्नस्थापित करने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं। इसके उलट पांच साल तक सत्ता सुख भोग चुके चंद ऐसे नेता, जो कभी अवाम के बीच नजर नहीं आते, वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को अध्यक्ष पद से हटवाने के लगातार साजिश रचते आ रहे हैं, सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर पार्टी की साख पर बट्टा लगाने पर तुले हुए हैं। जिस दिन से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट की टीम के कदम पड़े हैं, कांग्रेस के लिए बड़े खतरे की घंटी बज उठी है। शराब घोटाले की रकम का कुछ हिस्सा सुकमा में जिला कांग्रेस कार्यालय भवन बनाने और शराब घोटाले के आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी के लिए बंगला बनाने में खर्च किए जाने की जानकारी हाथ लगने के बाद ईडी के रडार पर अब कांग्रेस पार्टी भी आ गई है। संभवतः ईडी के अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि शराब घोटाले में कांग्रेस पार्टी की क्या भूमिका रही है? वैसे इस घोटाले में पूर्व के कुछ और भी सत्तधीश लपेटे में आ सकते हैं, इस बात की प्रबल संभावना है। सामने इतना बड़ा संकट होते हुए भी अगर प्रदेश के कांग्रेस नेता अपने स्वार्थ से नहीं उबर पाए और एकजुटता नहीं दिखा पाए तो यह कांग्रेस के लिए ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा। फिलहाल यह समय दीपक बैज के खिलाफ साजिशें रचने का नहीं, आपसी एकजुटता दिखाने का है। सबको मालूम है कि किस नेता के इशारे पर बैज को हटाने के लिए खेल खेला जा रहा है और उस नेता का नाम भी शराब घोटाले में आने वाला ही है। जब यह नेता ईडी के शिकंजे में आएगा, तब उसे भी संगठन की मदद करेगी, तब फिर बिखरा हुआ संगठन भला कैसे मदद कर पाएगा?