यहां तो टीचर्स मारते हैं बंक

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  • स्कूल में आधा दिन गुजारने के बाद अपने घर लौट जाते हैं शिक्षक
  • बच्चों को छोड़ जाते हैं भगवान भरोसे, हादसे की प्रबल आशंका


बकावंड विकासखंड बकावंड की सरकारी शालाओं का बुरा हाल है। एकल एवं द्विशिक्षकीय शालाओं को तो भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।ब्लॉक की ज्यादातर शालाएं अव्यवस्था के बीच संचालित हो रही हैं।
बकावंड विकासखंड में अधिकतर प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं में एक या दो ही शिक्षक पदस्थ हैं। एक शिक्षकीय स्कूल के शिक्षक अवकाश पर चले जाते हैं तब संबंधित शाला में पढ़ाई बंद रहती है। बच्चे खेलकूद में मस्त रहकर समय गुजारते हैं। शिक्षक के अवकाश से लौटते तक शाला में यही स्थिति बनी रहती है। वहीं अनेक शालाओं के शिक्षक तय समय पर शाला नहीं पहुंचते और आधा दिन स्कूल में बिताकर घर लौट जाते हैं। बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। कुछ ऐसा ही हाल विकासखंड की ग्राम पंचायत राजनगर के मुंडापारा प्राइमरी स्कूल का है। इस शाला में कहने को तो दो शिक्षक पदस्थ हैं, मगर दोनों ही अपनी मर्जी के मालिक हैं। जब मर्जी हुई स्कूल चले आए और जब मर्जी हुई स्कूल से दफा हो गए। इच्छा होती तो स्कूल आते हैं, अन्यथा नहीं। दोनों शिक्षक प्रायः रोज 12 बजे के बाद स्कूल और विद्यार्थियों को भगवान के भरोसे छोड़ कर चले जाते हैं। शिक्षक श्रीनाथ नायक व एसपी कश्यप की इस मनमानी से विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। इस स्कूल में पढ़ाई न के बराबर होती है। शासन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तरह तरह के जतन कर रहा है। शिक्षकों का वेतन काफी बढ़ा दिया गया है, बावजूद कई शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। इससे शासन की मंशा और प्रयासों पर पानी फिरने लगा है। ग्रामीण बताते हैं कि दोनों शिक्षक हमेशा दोपहर में ही शाला छोड़कर चले जाते हैं। विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी स्कूल का दौरा या निरीक्षण करने नहीं आते। इस वजह से शिक्षक मनमानी पर उतर आए हैं।
बच्चों के साथ हो सकता है हादसा
शिक्षक एक – डेढ़ घंटे स्कूल में बिताकर अपने -अपने घर लौट जाते हैं। शिक्षकों के चले जाने के बाद भी बच्चे स्कूल में ही रहकर खेलने में मस्त हो जाते हैं। उनकी निगरानी के लिए कोई नहीं रहता। ऐसे में इन नौनिहालों के साथ कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। विकासखंड के ही सेमरा गांव के स्कूल में दुखद घटना हो चुकी है। शिक्षिका की लापरवाही के कारण दूसरी कक्षा का एक छात्र खेलते खेलते गड्ढे में गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई। इसके बावजूद शिक्षक सबक नहीं ले रहे हैं। पालकों ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जिला शिक्षा अधिकारी से की है।
नए बीईओ से हैं उम्मीदें
बकावंड में पदस्थ रहे विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरुण देवांगन तो पालकों और विद्यार्थियों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाए। श्री देवांगन का तबादला बस्तर में कर दिया गया है। उनकी जगह तोकापाल के विकासखंड शिक्षा अधिकारी मोतीराम कश्यप को पदस्थ करने का आदेश जारी हुआ है। पालकों को उम्मीद है कि नए बीईओ श्री कश्यप लापरवाह शिक्षकों पर नकेल कसेंगे और शालाओं की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में ठोस पहल करेंगे।