- विश्व रंगमंच दिवस पर अभियान की सफल प्रस्तुति प्रदेश अध्यक्ष ने कहा अभियान का अभियान जारी रहेगा, रंगमंच को बढ़ाने हर संभव मदद मिलेगी
जगदलपुर विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अभियान संस्था द्वारा गुरुवार को मैत्री संघ रंगमंच पर अख्तर अली लिखित नाटक खुल्लम खुल्ला का मंचन किया गया। नाटक के संवाद और कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया एवं हास्य और व्यंग्य के मिश्रित अदाकारी से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया।
नाटक में दिखाया गया कि तंत्र के तीन हिस्से कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और न्यायपालिका में तीनों का सामंजस्य व समन्वय एक मजबूत लोकतंत्र को पुष्पित पल्लवित करता है पर इनमे से एक मे भी सेंध लग़ जाए न तो सारी व्यवस्थाए चरमरा जाती है। नाटक मे इंस्पेक्टर समाज के उस घून की तरह परिलक्षित होता है जो अंदर ही अंदर उसे खोखला करता जा रहा है,जबकि रंगकर्मी, पागल व्यक्ति, ड्रायवर, पाकिटमार सब इसी तंत्र के हिस्से हैं जिनकी समाज मे अलग अलग भूमिकायें हैं। तमाम नकारत्मक शक्तियों के विद्यमान होने के बावज़ूद समाज मे जिम्मेदारो के भी किरदार निर्धारित है जिन्हें जाँच अधिकारी के रूप मे नाटक मे दिखाया गया। भ्रष्टाचार की जड़े कितनी भी मजबूत हों लेकिन उनकी छंटाई भी मुमकिन है। नाटक का पूर्वार्ध समस्याओ को उकेरता है पर अंत मे समाधान भी दिखाता है क्योंकि देश का हर कर्मचारी अधिकारी कामगार मजदूर डॉक्टर वकील इंजिनियर शिक्षक भ्रष्ट नहीं है।
कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों द्वारा अभियान संस्था के संस्थापक स्वर्गीय सत्यजीत भट्टाचार्य के छायाचित्र के सामने दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। अभियान के अध्यक्ष कैलाश चौहान, महासचिव महेंद्र महापात्र, उपाध्यक्ष महेंद्र पांडे, प्रशांत दास, कोषाध्यक्ष समीर सेन, सहसचिव केतन महानंदी व सुलता महाराणा ने मुख्य अतिथि विधायक किरण देव, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, पत्रिका के संपादक मनीष गुप्ता, मैत्री संघ के अध्यक्ष दीपक घोष एवं अन्य मंचस्त अतिथियों का पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। वरिष्ठ रंगकर्मी सुबीर नंदी एवं जीएस मनमोहन ने विश्व रंगमंच दिवस पर रंगमंच की महत्ता पर अपने उदगार व्यक्त किए। अभियान अध्यक्ष की मांग पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि निर्माणाधीन ऑडिटोरियम,दिवंगत रंगनिर्देशक सत्यजीत के नाम पर जाना जाए ऐसा मै पूरा प्रयास करूंगा। साथ ही अभियान द्वारा प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किए जाने वाले अखिल भारतीय नाट्य परब का बारहवां आयोजन जो नवंबर माह में प्रस्तावित है को सफल बनाने हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया।
नाटक का निर्देशन हेमंत सिंह ने किया वहीं रूपसज्जा एवं प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदार विश्वजीत भट्टाचार्य ने संभाली। मंच संचालन अफजल अली ने किया। नाटक में इंस्पेक्टर की भूमिका केतन महानंदी, हवलदार शिव शंकर पिल्लई, सिपाही धीरज कश्यप, लड़की का पिता अनूप कुर्रे, पागल व्यक्ति विक्रम सोनी, रंगकर्मी प्रशांत दास, कल्लू पाकिटमार अफजल अली, ड्राइवर धीरज दास एवं विशेष भूमिका में विश्वजीत भट्टाचार्य ने अपने अभिनय की अच्छी छाप छोड़ी।