नक्सली हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौट आएं, अन्यथा अंजाम भुगतने तैयार रहें: उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा

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  •  सुकमा में मिली बड़ी सफलता पर शर्मा ने जवानों को दी बधाई 
  • गृहमंत्री शर्मा ने कहा- सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती 

अर्जुन झा-

जगदलपुर छत्तीसगढ़ में जारी नक्सल उन्मूलन के अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। सुकमा जिले के केरलापाल बेहना क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 17 नक्सली मार गिराए हैं। सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद किए हैं, जिनमें एसलआर, इंसास, एके-47 और कंट्रीमेड हथियार शामिल हैं।

इस कार्रवाई में दो जवान घायल हुए हैं, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। उन्हें त्वरित उपचार के लिए जिला मुख्यालय लाया गया है और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस बड़ी कामयाबी पर मिशन में शामिल जवानों को बधाई दी है। इसके साथ ही श्री शर्मा ने नक्सलियों को सलाह दी है कि राज्य सरकार आत्म समर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और बेहतर जीवन यापन के लिए समुचित प्रबंध कर रही है, योजनाएं भी शुरू की गई हैं। इसलिए नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज और विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएं। हालांकि उप मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी कहा है कि सरकार अपनी ओर से एक भी गोली नहीं चलाना चाहती। हमारी सरकार शांति के साथ विकास की अवधारणा पर काम कर रही है।

उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि जवानों की भुजाओं की ताकत के परिणाम स्वरूप नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान सुकमा में बड़ी सफलता मिली है। श्री शर्मा ने इस सफलता पर जवानों को बधाई देते हुए कहा कि वर्ष 2025 के मात्र 85 दिनों में अब तक 133 नक्सली मारे जा चुके हैं। यह प्रतिदिन का संकल्प है। पिछले कुछ वर्षों में कुल मिलाकर लगभग 2700 से अधिक नक्सली या तो मारे गए हैं, गिरफ्तार हुए हैं या उन्होंने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती और पुनर्वास नीति के तहत सभी नक्सलियों से अपील करती है कि वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आएं। आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा।

नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मार्च 2026 तक सशस्त्र नक्सलवाद का पूरी तरह से समापन करने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की रणनीति के तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल और संचार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आत्मसमर्पण कर रहे हैं, उन्हें सरकार की ओर से पूरी सहायता दी जा रही है। लेकिन जो हिंसा का मार्ग अपनाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का संकल्प स्पष्ट है शांति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ना है और नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करना है। सरकार की इस स्पष्ट नीति के तहत नक्सली आत्मसमर्पण कर सुरक्षित जीवन अपना सकते हैं, लेकिन यदि वे हिंसा का मार्ग नहीं छोड़ते, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।