- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिखाई अपनी ताकत
- सुरक्षा बलों ने कर दिया नक्सलियों को निढाल
अर्जुन झा-
जगदलपुर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर बता दिया है कि सरकार की ताकत कैसी होती है। सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और सुरक्षा बलों के मजबूत हौसले का ही नतीजा है कि अब नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व भी शांति वार्ता के लिए चिरौरी करने लगा है। देश के इतिहास में पहली बार नक्सलियों के केंद्रीय नेतृत्व ने शांति वार्ता की पेशकश की है।
दरअसल केंद्र और राज्य की सरकारों के कड़े तेवर और सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे प्रहार ने अब नक्सलियों को नाक रगड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और डिप्टी सीएम एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के बार बार बस्तर संभाग के दौरे पर आने, नक्सल प्रभावित गांवों में जाकर वहां के लोगों से मेल मुलाकात करने और एंटी नक्सल मिशन पर लगे विभिन्न सुरक्षा बलों के जवानों की हौसला अफजाई करने के शानदार परिणाम बस्तर की जमीन पर दिखने लगे हैं। ये परिणाम बताते हैं कि अमित शाह बस्तर को बेचने के लिए नहीं, बल्कि बचाने के लिए बार बार यहां आते हैं। सुरक्षा बलों को फ्री हैंड कर दिया गया है और जवानों का जोश हाई नहीं बल्कि हाईएस्ट है। हमारे जवान और अधिकारी नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए जी जान लगाकर जुटे हुए हैं। वे रोज बड़ी संख्या में नक्सलियों को मिट्टी में मिला रहे हैं। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के करेगुट्टा पहाड़ी पर जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन सबसे बड़ा ऑपरेशन है। इसके तहत नक्सली ठिकानों पर धरती और आकाश से गोले बरसाए जा रहे हैं। इस आपरेशन में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। यही वजह है कि इस ऑपरेशन के बीच नक्सलियों के केंद्रीय नेतृत्व ने एक पत्र सरकार के नाम जारी किया है। सात दिनों के भीतर नक्सल संगठन की तरफ से शांति वार्ता के लिए भेजा गया यह दूसरा पत्र है। अबकी बार सीधे केंद्रीय नक्सली नेतृत्व ने पत्र भेजा है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी की ओर से प्रवक्ता अभय ने यह पत्र जारी किया है। पत्र में सरकारों को नक्सलियों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया गया है। साथ ही कहा गया है कि समस्या का हल बंदूक से नहीं बल्कि बातचीत से ही हो सकता है। करेगुट्टा आपरेशन के बीच नक्सलियों की तरफ से दूसरी दफा शांति वार्ता के लिए जारी किए गए इस पत्र में आगे कहा गया है कि हमारे संगठन की तरफ से सरकारों से बारंबार शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने तथा शांति वार्ता हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करने की अपील हम करते आए हैं। पत्र में स्वीकार किया गया है कि करेगुट्टा मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए हैं। वहीं सरकार से बिना शर्त छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में एक समय सीमा में युद्ध विराम कर शांति वार्ता करने की मांग रखी गई है। केंद्रीय कमेटी के इस पत्र से जाहिर होता है कि नक्सलियों की कमर बुरी तरह टूट चुकी है और उनके सामने शांति वार्ता के सिवाय और कोई विकल्प नहीं बचा है।
24 लाख की ईनामी तीन महिला नक्सली ढेर
बीजापुर जिले की कोरागुटटा पहाड़ी एरिया में जारी ऑपरेशन में 24 लाख की ईनामी तीन महिला नक्सली मारी गई हैं। तीनों महिला नक्सलियों की शिनाख्त हो गई है। माना जा रहा है कि मारी गई तीनों माओवादी पीएलजीए बटालियन नंबर 1 की सदस्य रही हैं। मृतकाओं में हुंगी पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 की सदस्या, इ्नाम 8 लाख रूपये, सिंटू पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 की सदस्या इनाम 8 लाख रूपए और शांति पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 की सदस्या इ्नाम 8 लाख रूपए शामिल हैं। तीनों के शव मरच्युरी में रखे गए हैं।परिजनों के आने पर शव उनके हवाले कर दिए जाएंगे।