एक राष्ट्र एक चुनाव विकसित भारत के संकल्प पूर्ति हेतु देश मे सकारात्मक बदलाव -अभिषेक सिंह

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  • वन नेशन वन इलेक्शन को देशभर में मिल रहा विशाल जन समर्थन-अभिषेक सिंह

बालोद एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर राष्ट्रीय विचार मंच के तत्वाधान में सिटीमॉल बालोद के पांची सिनेमा हाल में जिले भर से भारी संख्या मे प्रबुद्ध वर्ग समाज सेवी , डाक्टर, वकील, व्यवसायी, समाज प्रमुख,शिक्षक,मानस परिवार,पेंशनर समाज प्रमुख,सेवा निर्वित अधिकारी कर्मचारी सहीत अन्य वर्गो की उपस्थिति में विचार गोष्ठी का आयोजन रखा गया जिसमें मुख्य वक्ता राजनांदगांव लोकसभा के पुर्व सांसद अभिषेक सिंह अध्यक्षता सेवानिवृत्त आई ए एस अधिकारी जी आर चुरेन्द्र, विष्टि अतिथि डा प्रदीप जैन, समाज सेवी चेमन देशमुख, राकेश द्विवेदी सहित अतिविशिष्ट एवं सभ्रांत नागरिकगण उपस्थित रहेl

मुख्य वक्ता अभिषेक सिंह ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत एक सकारात्मक बदलाव को लेकर बुद्धिजीवियों एवं सामान्य वर्ग से समर्थन प्राप्त करने यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है भारत के इतिहास में दुनिया की पूरी अर्थव्यवस्था में 30% अर्थव्यवस्था भारत से पूर्ति होती थी भारत पुर्व में सोने की चिड़िया कहलाती थी गणित में हमने 0 दुनिया को दिया, आयुर्वेद अर्थशास्त्र, उच्च स्तर का ज्ञान हमने विश्व को दिया है ज्ञान योग हमारे संतो महर्षि ऋषि मुनियों के ताप ज्ञान से हमारे देश सोने की चिड़िया मानी जाती थी आक्रमण क्रांताओ, वर्ण, वर्ग भेद, जाती पाती आपसी लड़ाई सहित अन्य कारणों से हम गुलामी की जंजीरों में जकडे गए हम अपने पुराने वैभव को प्राप्ती एवं विकसित भारत के संकल्प को लेकर एक देश एक चुनाव को राष्ट्रहित में करना चाहते हैं यह कोई नई बात नहीं है आजादी के बाद 1952 से 1967 तक सभी चुनाव एक साथ हुए 1960 में पाकिस्तान के साथ युद्ध एवं तीन-चार वर्षो तक अकाल से अनाज की कमी हुई हमें अमेरिका से अनाज आयात करने पड़े 1967 के चुनाव आते-आते देश में केंद्र एवं अधिकतम राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी कुछ राज्यों में गठबंधन की सरकारे बनी मूल रूप से कांग्रेस का विरोध होता रहा कई राज्यों में राज्यपाल ने अल्पमत में मध्यावधि चुनाव कराए 1991 से 2025 तक केंद्र और कई राज्यों के चुनाव एक साथ हुए कई बार केंद्र में भाजपा की सरकार और राज्य में कांग्रेस की सरकार को एक साथ मतदाता चुनते आए हैं ऐसे कई उदाहरण हैं जनता 5 वर्षों के लिए सरकार चुनती है किंतु पंच पार्षद से लेकर विधानसभा लोकसभा तक के सभी चुनाव में 2 साल का कार्यकाल जो किसी सरकार के 40% समय का दुरुपयोग होता है आज लगभग देश का 50 लाख करोड़ का सालाना बजट है सभी इलेक्शन एक साथ होते हैं तो साढे चार से आठ लाख करोड़ तक की बचत हो सकती है जो कुल बजट का 10 से 15% बचत होगी जिससे छोटे-छोटे निर्माण विकास कार्य पूरे देश में हो सकते हैं साथ ही सभी चुनाव में लगने वाले आचार संहिता के कारण आम जनता गरीब जनता जिनका छोटा-छोटा काम खेत का नामांतरण, बिजली ,पानी सहित कई ऐसे आवश्यक कार्य आचार संहिता के कारण रुक जाते हैं मीडिया जो सरकार को आईना दिखाने का काम करती है महीने दो महीने तक चुनावी कवरेज समीकरण को लेकर अपने मूल कार्यों से विचलित हो जाते हैं चुनावी ड्यूटी में अधिकारी कर्मचारी एवं शिक्षकों के पीड़ा देखी जा सकती है विशेष कर शिक्षा मे बाधा उत्पन्न होने से इसका दुष्परिणाम 15 वर्षों बाद समाज को सहना पड़ता है शिक्षक वोटर लिस्ट चुनाव की ड्यूटी में अपने मूल कर्तव्यों को नहीं कर पाते राजनेताओं की दृष्टि से दिन प्रतिदिन होते महंगे चुनाव से कोई जमीन जायदाद बेचता है कोई कर्ज में डूब जाता है इस पर भी अंकुश लगेगाl

देश आज एक बड़े बदलाव के लिए आगे बढ़ रहा है इस विचार को क्रांति लाने की जिम्मेदारी हम सबकी है 

अध्यक्षी उद्बोधन में जी आर चुरेंद्र ने कहा कि बार-बार चुनाव से राजनीतिक अस्थिरता आती है मोदी जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव रखा था जो आज मूर्त रूप ले रहा है 2024 के लोकसभा चुनाव में साधन संसाधन में चुनावी खर्च 1 लाख 35 हजार करोड़ था जो 2019 के चुनाव से दुगना हुआ यह राशि देश के विकास में लगनी चाहिए जो देश की कुल जीडीपी का 1.5% के बराबर है

समाजसेवी चेमन देशमुख ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से सरकारी संसाधनों की बर्बादी रुकेगी सुरक्षा बलों का दबाव कम होगा नागरिक एक साथ मतदान कर पाएंगे जिससे भागीदारी बढ़ेगी और लोकतंत्र सशक्त बनेगा भारत जैसे विशाल लोकतंत्र के लिए दीर्घकालिक समाधान हो सकता है

विष्टि जनों ने अपने विचार रखें

समाजसेवी डॉक्टर प्रदीप जैन ने कहा कि यह जन-जन के दिल से निकली आवाज है आज देश का हर व्यक्ति इस बिल के साथ है यह देश के विकास और समृद्धि का रास्ता प्रशस्त करेगा चिकित्सा जगत आई एन आई एवं बालोद के एक-एक जनता की ओर से इस बिल का समर्थन करता हूं

अभिषेक सिंह जी बालोद जिले की ओर से अस्वस्त होकर जाएं कि हम इस बिल के साथ हैं

डॉक्टर चावड़ा ने कहा कि पेंशनर समाज एक देश एक चुनाव का समर्थन करता है हम जन-जन तक जाकर इसके लाभ आम मतदाताओं तक पहुंचाने का कार्य करेंगे इसके पीछे देश का विकास समाहित है

सेवा निर्वित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डी आर गजेंद्र ने भी इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव से सबसे अधिक पीड़ा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को होती है मतदाता सूची से लेकर मतदान संपन्न करने तक बच्चों के भविष्य को ताक में रखकर कर्तव्य निर्वहन करना पड़ता है अधिवक्ता शारदा ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन का लाभ हम अपने घर में ही देख सकते हैं हम छठी का कार्यक्रम बर्थडे के साथ मनाते हैं जिससे धन एवं समय की बचत होती है

व्यवसायी मोहन नाहटा ने कहा कि देश के जवान अधिकारी कर्मचारी का समय बहुमूल्य होता है परिवहन व्यवस्था में वाहनों का अधिग्रहण से ट्रान्सपोर्ट व आम जनता को भी अनेक परेशानियां होती हैं इन सब की बचत एक चुनाव से संभव है

शिक्षक जितेंद्र सोनी ने केंद्र सरकार द्वारा लिए इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी जी की संकल्पना राष्ट्रहित में समाहित है भारत में हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं इससे न केवल सरकारी खर्च बढ़ता है बल्कि सुरक्षा प्रशासन और संसाधनों पर भी बोझ पड़ता है एक साथ चुनाव में होने वाले खर्च को बचाकर संसाधनों को देश के विकास में लगाया जा सकता है

मानस परिवार की ओर से प्रतिमा यादव ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव निर्णय व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में परिवर्तनकारी कदम सिद्ध होगा

युवाओं की ओर से आशुतोष कौशिक ने कहा कि एक देश में एक चुनाव कराने से होने वाली आर्थिक बचत आने वाली पीढियो के लिए नए अवसरों के द्वार खुलेगी एक राष्ट्र एक चुनाव सिर्फ चुनावी मैनेजमेंट से आगे बढ़कर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को तेज गति देने का सशक्त माध्यम भी बनेगी

श्रद्धांजलि

सभा में उपस्थित जन समूह ने पुलवामा में 27 पर्यटकों,सौलानियो पर आतंकी हमले से हुए मृतकों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित किए

कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगीत एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्ध जनों एवं विशिष्ट जनों का आभार आयोजन समिति के संयोजक राकेश द्विवेदी ने किया मंच संचालन मौसमी साहू ने किया