आपरेशन समाधान ने तोड़ी माओवादियों की कमर, बस्तर में सिमटता माओवादियों का आंदोलन

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वामपंथी उग्रवाद संगठन भाकपा माओवादी संगठन की कमर टुट गई यह पुलिस ने नहीं स्वयं माओवादियों ने इस बात को स्वीकारा है। बस्तर में भाकपा माओवादी संगठन को बड़ा नुक़सान हुआ है और इसमें 4000 हलाक हुए तथा इसमें लगभग 900 महिलाएं शामिल हैं।
अविभाजित बस्तर जिले में 80 के दशक से पांव पसारे भाकपा माओवादियों ने इस दौरान खुनी खेल -खेला है और बस्तर के हर परिवार ने अपना सपूत खोया।

भाजपा की रमन सरकार की गलतनीतियों के कारण माओवादियों ने पंद्रह वर्षों तक बस्तर को अभिशप्त बना दिया।इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी के भूपेश बघेल सरकार की रणनीतियों के कारण पुलिस आक्रामक मुंड में है और माओवादियों ने खौफ के कारण पीएलजीए सप्ताह नहीं मनाया है जोकि स्वयं माओवादियों ने स्वीकार किया है। भाकपा माओवादी संगठन की प्रेस विज्ञप्ति में यह बात सामने आई है कि माओवादियों के चार हजार लोग हलाक हुए और इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौत के घाट उतारे गए। कुल मिलाकर पुलिसिया कार्रवाई से माओवादी बैकफुट पर है और बस्तर में अमन-चैन कायम होने की उम्मीद है।