- भानुप्रतापपुर। रक्त का अन्य कोई विकल्प नहीं है , इसकी पूर्ति केवल मानव शरीर से ही संभव है, यही कारण है कि रक्तदान को महादान की संज्ञा दी गई है। यह दान धर्म , जाति संप्रदाय से ऊपर है। रक्तदान को बनाइये एक अभियान, रक्तदान करके बचाइये जान। ग्राम बांसला में विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य रक्तदान एवं रक्त परिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। सुबह से ही युवाओं में रक्तदान के प्रति उत्साह दिखाकर रक्तदान किया। शिविर में कई लोगों ने रक्तदान कर सेवा भावना का परिचय दिया। सुबह से ग्राम बांसला व आसपास गांव के युवाओं के उपस्थिति में शिविर का शुभांरभ किया गया। इस शिविर को सफल बनाने के लिए गांव के युवा उकेश राणा, यशवंत चक्रधारी, गेश नाग, शेखर नायक, सचिन चक्रधारी, मयंक साहू, मनीष चुरपाल, सहित पूरे गांव वालों का विशेष सहयोग से 60 युनिट ब्लड डोनेट कराया गया। रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र व हेलमेट देकर सम्मान किया गया। भानुप्रतापपुर से एक शिक्षक मनोज चौहान ने भी इस शिविर में आकार 42 वां बार रक्तदान किया और रक्तदान को पुनीत कार्य बताकर किसी की मदद के साथ रक्तदाता के शरीर को होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। नागेश कोमरा के द्वारा 21 वां बार ब्लड डोनेट किया गया। महिला डोनर सरिता कांगे के द्वारा भी शिविर में पहुंच कर पहली बार रक्तदान किया। जिसका प्रतिफल रहा कि रक्तदान करने वालों की कतार सी लग गई जिसके बाद सब लोगों ने बारी बारी से रक्तदान किया।
भानुप्रतापपुर एक ऐसा नगर है, जहां खून की कमी से पहले लोगों की जाने जाती थी। लेकिन अब ब्लड डोनेट फाउंडेशन संस्था स्थापना होने के बाद हर जरूरत मंद लोगों को ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा हैं। भानुप्रतापपुर नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में रक्तदान शिविर का आयोजन कर लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए जागरूक कर ब्लड डोनेट कराया जा रहा है। ब्लड डोनेट फाउंडेशन द्वारा अब तक दस हजार यूनिट से ज्यादा ब्लड डोनेट करवा चुके हैं। ब्लड डोनेट फाउंडेशन की शुरुआत भानुप्रतापपुर में 13 अक्टूबर 2015 को फाउंडेशन के संस्थापक आकाश सोलंकी के द्वारा अपने दोस्तों का एक 23 लोगों का ब्लड डोनेट फाउंडेशन की स्थापना किया गया। जिसके बाद टीम के सदस्यों द्वारा जरूरत मंद लोगों को खुद से ब्लड डोनेट कर उपलब्ध कराया जा रहा था। जिसके बाद नगर व क्षेत्र के लोग धीरे धीरे इस फाउंडेशन से जुड़ कर ब्लड डोनेट करने लग गए आज इस संस्था में लगभग एक हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। आज प्रदेश के कोई भी हॉस्पिटल में अगर किसी को ब्लड की जरूरत हैं तो इस फाउंडेशन द्वारा ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है। व ब्लड चढ़ने के लिए अगर किसी परिवार को आर्थिक सहायता की भी जरूरत पड़ती हैं तो इस संस्था द्वारा आर्थिक सहायता भी कराया जाता हैं। आज ब्लड डोनेट फाउंडेशन को 2 राष्ट्रीय व 25 स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
हमारे संस्था द्वारा 10 हजार से अधिक यूनिट रक्तदान करा चुके : सोलंकी
ब्लड डोनेट फाउंडेशन के संस्थापक आकाश सोलंकी ने बताया कि 15 वर्ष पहले मेरे ही सामने डिलवरी में आई एक महिला का ब्लड की कमी के कारण जब उसकी मौत हो गया था तब से मेरे मन में एक बात आ रहा था कि क्षेत्र में ब्लड की कमी के कारण बहुत से लोगों की जान जा रही हैं इसके लिए कुछ करना चाइये तब मैंने अपने दोस्तों के साथ चर्चा कर 13 अक्टूबर 2015 को ब्लड डोनेट फाउंडेशन का स्थापना किया गया। शुरू के दिनों में इस फाउंडेशन में मात्र 23 लोंग ही जुड़े थे, उस समय भानुप्रतापपुर क्षेत्र के लोगों को ही ब्लड उपलब्ध करा रहे थे। जिसके बाद लोग इस फाउंडेशन को समझने लगे और धीरे धीरे संस्था में जुड़ कर ब्लड डोनेट करने आघे आ रहे हैं। अब तक हमारे फाउंडेशन द्वारा दस हजार से भी ज्यादा यूनिट ब्लड डोनेट करवा चुके हैं। हर दो तीन महीनों में कहीं न कहीं रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। रक्तदान को लेकर जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है। रक्तदाताओं को सम्मानित किया जाता है। पहले महिलाएं रक्तदान को लेकर घबराती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब जागरुकता के कारण महिलाएं भी अच्छी खासी संख्या में रक्तदान करने लगी है। ब्लड बैंक में किसी विशेष ब्लड ग्रुप की किल्लत होती है तो खासकर ए प्लस एवं एबी प्लस, सिंगल डोनर की जरूरत पड़ती है तो संस्था के रक्त दाता सिंगल डोनर हॉस्पिटल पहुंच कर दान कर लोगों की जान बचा रहे है। विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर हमारे संस्था द्वारा बांसला, पखांजुर, छोटे बेठिया में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया हैं। छोटे बेठिया जैसे नक्सल क्षेत्र में हमारे संस्था द्वारा 60 यूनिट व पखांजूर में 70 यूनिट रक्तदान कराया गया।
इन्होंने शिविर में पहुंच कर किया रक्तदान
राजेंद्र कोसमा, अजित मंडावी, हेमंत महला, बीरेंद्र चालकी, रोहित जैन, मिथलेश चक्रधारी, दिनेश देहारी, खमेंद्र, अभिषेक शर्मा, किशोर यादव, विजय पोटानी, हरीश , गोविंद बनिक, अवध जैन, विनोद राणा, नागेश सूर्यवंसी, भीम नाग, हिरामन जैन, खेमन कुमार, अमन कुमार, थानेश्वर, अश्वन नेताम, रामजी जैन, राकेश कुमार, टेकराम सहित 60 लोगों ने किया रक्तदान।
जहां पहले बहता था खून, अब हो रहा खून का संग्रह
भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, पखांजुर, दुर्गुकोंदल, छोटे बेठिया जैसे नक्सल क्षेत्र में माओवादी खून की नदियां बहाते थे। आज वहां भी खून का संग्रह होने लगा है। इसके लिए गांव-गांव में जागरुकता कार्यक्रम चलाकर ब्लड डोनेट फाउंडेशन द्वारा इन क्षेत्रों में कई रक्तदान शिविर आयोजित कर लोगों से रक्तदान कराया जा रहा है। और जरूरत मंद लोगों को ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है। जिस प्रकार आज इस संस्था से आज एक हजार लोगों से भी ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं।