कभी आर, कभी पार, लागा तीर ए नज़र…

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अर्जुन झा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर में झंडा फहराने के पहले रायपुर में जिस तरह राजनीतिक मैदान में झंडे गाड़े, उससे सियासी सरगर्मी तेज हो गई। उन्होंने भाजपा, आरएसएस, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर तो जमकर निशाना साधा ही, मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों पर भी विराम लगा दिया। सीएम बघेल ने राजनीति और सरकार से जुड़े तमाम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। छत्तीसगढ़ में आरएसएस नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उन्होंने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के आरएसएस कार्यकर्ता नागपुर के बंधुआ मजदूर हैं। बिसराराम जी छत्तीसगढ़ के स्थानीय व्यक्ति थे।छत्तीसगढ़िया व्यक्ति को हटा कर नागपुर से जुड़े लोगों को जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग आरएसएस में अफवाह फैलाने के माध्यम बनकर रह गए हैं। जबकि मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि अभी मंत्रिमंडल में फेरबदल की कोई संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम सभी सामुहिक जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि इस संबंध में आलाकमान के आदेश पर काम करेंगे। हम लोग पार्टी के कार्यकर्ता हैं हमें लगातार अवसर दिया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ के नेताओं को राष्ट्रीय राजनीति में प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। मुख्यमंत्री ने एटीएम को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा अपना अनुभव बता रही है। भाजपा नेता जब दौरे पर जाते थे तो राज्य भर में वसूली होती थी। उस समय अधिकारी परेशान रहते थे, सबको टारगेट दिया जाता था। हर डिवीजन से पैसा वसूल कर दिया जाता था. भाजपा के लोग अपना अनुभव बता रहे हैं। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस ताबड़तोड़ सियासी फायरिंग के अंदाज की बात कि जाय तो ऐसा लगता है कि अब वे भाजपा और संघ के खिलाफ पहले से ज्यादा आक्रामक राजनीति के मूड में आ गए हैं। उनके इस अंदाज से यह भी प्रकट हो रहा है कि कांग्रेस में चल रही अटकलों जैसा कुछ भी नहीं है। पिछ्ले कुछ समय से ढाई ढाई साल वाली बातें चर्चा का विषय बनती रही हैं तो मंत्रिमण्डल में फेरबदल की सुगबुगाहट भी सामने आई लेकिन अब सीएम बघेल ने ऐसी किसी भी संभावना से इंकार कर भ्रम दूर कर दिया है।