आदिवासी समाज के गौरव शहीद गुण्डाधुर की स्मृति में आयी महामहिम को विमान उपलब्ध नहीं कराना यह आदिवासियों का अपमान – केदार कश्यप

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व्यक्तित्व सामान्य हो या गरिमामयी दायित्व हो आदिवासी को हमेशा अपमानित करती रही है कांग्रेस :- केदार कश्यप

महामहिम के साथ हुये सौतेले व्यवहार से आदिवासी समाज आहत – केदार कश्यप

जगदलपुर।पिछले दिनों महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके का जगदलपुर आगमन हुआ था। उनके द्वारा भूमकाल दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर शहीद वीर गुण्डाधुर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर आदिवासी समाज को सम्बोधित कर गोल बाज़ार चौक पर शहीद गुण्डाधुर की स्मृति में भव्य स्मारक बनाने घोषणा करने के साथ साथ शाम साढें छै बजे तक समाज के साथ थीं ।

महामहिम जनजाति बहुल बस्तर में आदिवासी समाज के कार्यक्रम में बस्तर के जनजातीय गौरव वीर गुंडाधुर के स्मृति में आईं थीं तथा वह स्वयं भी आदिवासी समाज से आती हैं , परंतु भूपेश सरकार द्वारा दुर्भावनावश उन्हे सरकारी विमान उपलब्ध नहीं कराया गया ।सरकार की मंशा संभवतः उन्हें इस कार्यक्रम से दूर रखना था, यहाँ यह ग़ौर करने वाली बात है की महामहिम का कार्यक्रम पूर्व नियोजित था । उन्हे जगदलपुर में दोपहर 1 बजे पहुँचना था और दो बजे उन्हें आदिवासी समाज के कार्यक्रम में पहुँचना पहले से तय था ।महामहिम जो कि उस दिनांक को दिल्ली में थीं, इस कार्यक्रम की गंभीरता और स्नेहवश समाज से मिलने दिल्ली से रायपुर पहुँची ।रायपुर पहुँचने पर सरकार के द्वारा उन्हें हेलीकॉप्टर या सरकारी प्लेन नहीं दिया जाना ,अत्यंत गंभीर बात है ।

प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री केदार कश्यप का कहना है कि यह सरकार आदिवासियों के वोट से बनी है और आदिवासी समाज के नाम पर राजनीति चमकाकर दंभ करती है ,परंतु सत्ता प्राप्ति के बाद यह सरकार पूर्णतः आदिवासी विरोधी हो गई है । आज बस्तर का आदिवासी समाज अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है ,आदिवासी नेताओं के प्रति राज्यसरकार का दोहरा चरित्र निदनीय हैं , जबकि राज्यपाल प्रदेश का संवैधानिक मुखिया है,आदिवासी नेतृत्व ऐसे गरिमामयी दायित्व पर हो तब भी कांग्रेस पार्टी प्रत्येक अवसर पर उन्हें अपमानित करने से नही चूकती। ऐसे कृत्य से आदिवासी समाज आहत है… कांग्रेस में यदि क्षणिक भी शर्म बची हो तो इस कृत्य के लिए सरकार को अविलंब क्षमा माँगनी चाहिए ।