एसडीएम हाईकोर्ट में नहीं रख सके दलील, आदेश खारिज, कुम्हरावंड़ सरपंच चुनाव के दौरान से ही विवाद की स्थिति

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जगदलपुर। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन से जगदलपूर जनपद पंचायत का कुम्हरावंड़ विवादों में हैं और अब हाईकोर्ट के आदेश बाद स्थानीय निर्वाचन आयोग की जमकर किरकिरी हो रही है जिसके लिए सिधे तौर पर एसडीएम जीआर मरकाम द्वारा हाईकोर्ट में अपना मजबूत पक्ष नहीं रखने को माना जा रहा है। कुम्हरावंड़ की महिला श्रीमती दशमी बेलसरिया ने एसडीएम जीआर मरकाम द्वारा सरपंच को जारी निर्वाचन प्रमाण पत्र को निरस्त करने के मामले पर रिट पिटीशन दाखिल किया था जिसके बाद महत्वपूर्ण आदेश में एसडीएम के आदेश को खारिज कर सरपंच पद पर नियुक्ति हेतु आदेश दिया है।

मामले का विवरण है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर नाम- निर्देशन पत्र स्क्रूटनी के दौरान तहसीलदार व चुनाव अधिकारी धृतलहरे ने दशमी बेलसरिया के नाम-निर्देशन पत्र को सहीं मानकर शेष सभी प्रत्याशियों का आवेदन खारिज कर दिया था जिसके बाद सरपंच पद निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र जारी किया गया। लेकिन विवादों के बाद तत्कालीन कलेक्टर अयाज तंबोली के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चुनाव अधिकारी की भूमिका निभाते हुए एसडीएम जीआर मरकाम ने अपने आदेश में निर्वाचन प्रमाण पत्र को खारिज करते हुए तहसीलदार व चुनाव अधिकारी धृतलहरे को का्र्य से पृथक करते हुए निलंबित कर दिया और जमकर वाहवाही लूटी गई किंतु हाईकोर्ट ने एसडीएम जीआर मरकाम के आदेश को निरस्त कर उनकी कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

दशमी को मिली थी करारी हार
जिला प्रशासन व एसडीएम कुम्हरावंड़ सरपंच चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे जिसमें दशमी बेलसरिया की जमानत जब्त हो गया था और जनता ने उसे खारिज किया था किंतु अब स्थिति यह है कि गांव में कौन विराजमान होगा , बस्तर कलेक्टर के पास मामला सामने आया है जिसमें कलेक्टर क्या निर्देश देते है उसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हैं।