छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड – जिस पर आरोप, वह मुख्यालय में पदस्थ,कैसे होगी डीई !

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अधीक्षण अभियंता कोमरे पर है भ्रष्टाचार के आरोप

सात सालों से लंबित है जांच, अब प्रमोशन की तैयारी

रायपुर – राज्य मंडी बोर्ड में पदस्थ एम एल कोमरे को लेकर विवाद गहराने लगा है. कार्यपालन अभियंता श्री कोमरे को मंडी बोर्ड में अधीक्षण अभियंताका प्रभार सौंपा गया है. अब उन्हें प्रमोशन देने की तैयारी हो रही है,जिसकी चर्चाएं आम हो गई है. लिहाजा अब उन पर लगे – आरोपों की फाइल भी खुलने लगी है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उनसे जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक हो गए हैं. आरोप यह है कि भ्रष्टाचार के मामले में जिसकी विभागीय जांच सात सालों से लंबित है, उन्हें मुख्यालय में क्यों पदस्थ किया गया है.ऐसे में जांच कैसे होगी?

विभागीय जांच में इतना विलंब क्यों?

नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि श्री कोमरे को मुख्यालय मंडी बोर्ड से अधीक्षण अभियंता के प्रभार से तत्काल मुक्त करते हुए विभागीय जांच का तत्काल पूर्ण की जाए और दोषी पाने पर मंडी सेवा विनियम के तहत कार्रवाई करें.अधिकारी – कर्मचारियों ने आशंका भी जताई कि आखिर विभागीय जांच में इतना विलंब क्यों ? एक तरफ मंडी बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी लंबे समय से पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं, अधिकांश पदों पर सालों से प्रमोशन नहीं हुआ है, मगर एक व्यक्ति श्री कोमरे को प्रमोशन देने की तैयारी से अन्य अधिकारी-कर्मचारियों में खासी निराशा है. इस मामले में मंडी बोर्ड के एमडी हिमशिखर गुप्ता से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर वह उपलब्ध नहीं हुए |

जानकार सूत्रों का कहना है कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में श्री कोमरे पर भ्रष्टाचार के दर्जनों आरोप लगे. संपरीक्षा अंकेक्षण में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई. जिस पर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई, मगर सात सालों बाद भी विभागीय जांच पूरी नहीं हुई. अब उन्हें मंडीबोर्ड में अधीक्षण अभियंता का प्रभार सौंप दिया गया. साथ ही इंदिरा गांधी कृषि विवि में भी अधीक्षण अभियंता का प्रभार दिया गया, जो नियमों के विरुद्ध है.