महात्मा गांधी का सपना था कि ग्राम पंचायतें स्वावलंबी हों और ग्राम सरकार सशक्त हो। गांधी जी का यह सपना सभी अधिकारी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को कर्मठतापूर्वक कार्य करने और गांवों में रहने वाले लोगों को आर्थिक रुप से सशक्त बनाकर पूरा किया जा सकता है। यह बातें कमिश्नर जी आर चुरेन्द्र ने बस्तर एवं बकावण्ड में आयोजित विकासखण्ड स्तरीय समन्वय बैठक में कही।
साथ ही साथ लोगों को आर्थिक रुप से सशक्त करने के लिए गांवों में व्याप्त नशाखोरी, मुर्गालड़ाई, फिजुलखर्ची को भी रोकना आवश्यक है। इसके साथ ही नारियों को भी सम्मान देना आवश्यक है। इसके लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से अभियान चलाए जाने की आवश्कता बताई।कमिश्नर ने बेहतर समाज के निर्माण के लिए लोगों को आर्थिक रुप से सशक्त बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गांवों में जल संरक्षण, शासकीय भूमि की सुरक्षा और लोगों को रोजगारमलक कार्यों से जोडने की जरुरत है। गांवों में विकास के पहिए को गति देने के लिए ग्राम पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ ग्राम सभा के सदस्यों के बीच सेतु का कार्य करने के लिए ग्राम विकास एवं न्याय समिति का गठन करने की बात कही।उन्होंने कहा कि ग्राम पटेल की अध्यक्षता में गठित इस समिति में ग्राम पंचायत के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि एवं गांव में निवासरत विभिन्न समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो गांव के विवाद का निपटारा करने के साथ ही शासकीय योजनाओं के लिए हितग्राहियों के चयन में मार्गदर्शन देंगें गांवों में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए मछलीपालन, पशुपालन, सामुहिक बागवानी और खेती आदि गतिविधयों पर जोर देते हुए कहा कि हर हाथ को रोजगार के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही अवसर दिए जाने की भी आवश्यकता है।
कमिश्नर ने ग्राम पंचायतों में प्रति सप्ताह ग्रामीण सचिवालय और प्रत्येक 15 दिन में विकासखण्ड मुख्यालय में विकासखण सचिवालय का आयोजन करने, सभी अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने और अपने क्षेत्र का नियमित भ्रमण करने के साथ ही इसकी जानकारी अपने नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को देने के निर्देश दिए। उन्होंने शासकीय भूमि पर किए गए कब्जे को हटाने की कार्यवाही करने के साथ ही नए कब्जों पर भी तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने तालाबों तक पहुंचने जलमार्गों के रास्ते में बनाए गए अवरोधों को भी तत्काल हटाने के निर्देश दिए, जिससे गांवों में जलस्तर में वृद्धि हो सके। गांवों में जल संरक्षण के लिए सोख्ता एवं बड़े तालाबों के निर्माण की आवश्यकता भी उन्होंने बताई। उन्होंने कहा कि बड़े तालाबों के निर्माण से लोगों को मछलीपालन जैसी गतिविधियों से लोगों की आय भी बढ़ेगा और पंचायतों का राजस्व भी बढ़ेगा। उन्होंने गांवों में अधिक से अधिक फलदार और औषधीय पौधों को रोपने की आवश्यकता बताई, जिससे लोगों की आय बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही फल, वनोपज, कृषि उपज के प्रसंस्करण के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाने पर जोर दिया। उन्होंने गोठानों के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगारमूलक कार्य संपादित किए जाने की आवश्यकता बताई। सभी किसानों को केसीसी उपलब्ध कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दोना-पत्तल जैसे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने की बात उन्होंने कही।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारी-कर्मचारियों में बेहतर तालमेल से ही होगा गांवों का विकास : चंदन कश्यप
इस अवसर पर नारायणपुर विधायक एवं हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री कश्यप ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था में ग्राम पंचायतों की भूमिका सबसे अधिक सशक्त है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि सरपंच और सचिवों में बेहतर समन्वय से ही गांवों का बेहतर विकास हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के ग्राम विकास के सपने को साकार करने के लिए सभी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को बेहतर तालमेल के साथ कार्य करने की आवश्यकता बताई।
बस्तर में आयोजित समन्वय बैठक में जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती वेदमती कश्यप, उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप, एसडीएम गोकुल रावटे सहित जनपद पंचायत बस्तर सीईओ जनपद पंचायत बकावण्ड सीईओ एवं ग्राम पंचायत के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।