बालोद–जिले में खनिज विभाग के कुंभकर्णी नींद के वजह से अवैध खनिज उत्खनन और अवैध लाल इट भट्ठो की बाड़ सी आ गई है।और लगातार शिकायत और न्यूज समाचार में न्यूज आने के बाद भी। जिले के गुरुर तहसील के अन्तर्गत दर्जनों अवैध लाल इट भट्ठी संचालित की जा रही है जिनमे से ग्राम सोरर,भरदा, बोहारडीह ,छेड़िया भेजा ,टेगनाबरपारा,कपरमेटा,सनौद, दुपचेरा,डोटोपार,धानापुरी, अरकार ,डोकला, ठेकवाड़ीह मोखा ,कुलिया ,बोरिदकला व कई गांवों में अवैध रूप से संचालित होते है ईट भट्ठा। जहा लाल ईट भट्ठों का अवैध कारोबार शासन प्रशासन के नियमो को ताक में रखकर काफी लंबे समय से बिना लिज के अवैध इट भट्टियों का संचालन किया जा रहा है गुरुर ब्लॉक मुख्यालय से लगा हुआ गांव में यह सब हो रहा है लेकिन ब्लॉक मुख्यालय के अधिकारियों को इस से कोई मतलब नहीं है प्रत्येक दो हजार इटो की कीमत आठ हजार नौ हजार रूपए के बीच लगाई जा रही है।मगर सोचने वाली बात यह है कि ईट भट्टी संचालित करते हुए कई साल हो गए है मगर खनिज विभाग को इस अवैध ईट भट्टी की जानकारी नहीं होना समझ से परे है या फिर खनिज विभाग के अधिकारियों को उनके कमीशन का हिस्सा पहुंच जाता है आपको बता दे की गुरुर क्षेत्र के अनेकों गांव में न केवल ईट भट्टो का अवैध कारोबार होता है बल्कि यह पर अवैध रेत उत्खनन और मिट्टी का उत्खनन भी जोरों से होता आ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सम्बंधित अधिकारी वर्ग केवल फाइन लगाकर कार्यवाही नहीं करते ।
ईट पकाने के लिए चोरी के कोयलों का किया जाता है इस्तेमाल
आपको बता दे की इस लाल इट भठ्ठो के अवैध कारोबार में में खासतौर से चोरी की कोयले का उपयोग किया। जा रहा है कोयले की गाड़ी कहीं और जाने के लिए निकलती है मगर पहुंच कहीं और जाती है जिससे सरकार को लाखों रुपए राजस्व का नुक़सान भी हो रहा है और कोयले के धुएं से आस पास के लोगों का भी जीना मुश्किल सा हो गया है । कोयले के इस धुएं के वजह से आसपास ले लोगो का जीना भी मुश्किल सा हो गया है वहीं अब देखना होगा कि पत्रकारों के खबर प्रकाशन और खनिज विभाग को भट्टी की जानकारी अवगत करने के बाद कब तक जिम्मेदार अधिकारी इस पर कार्यवाही कर इस अवैध कारोबार को बंद करवाते है।
सम्बंधित अधिकारी नहीं उठाते मीडिया कर्मी का फ़ोन
ईट भट्ठों की शिकायत के लिए लगातार मीडिया कर्मी फ़ोन के माध्यम से अवगत कर कार्यवाही करवाने हेतु प्रयास करते है । लेकिन आश्वासन देने के बाद फ़ोन ही नहीं उठाते सम्बंधित अधिकारी ऐसे में सवाल उठता है की क्या अधिकारियो को उनका हिस्सा पहुंच जाता है जिसके लालच के कारण वो कार्यवाही करने में असफल हो जाते है ।
ग्रामीण स्तर पर भी नहीं होती कार्यवाही एवं गांव में ईट भट्ठा चल रहा और पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है जिससे ग्रामीणों को नहाने एवं सांस लेने मै बहुत दिक्कत हो रही है
ग्राम पंचायतो के सरपंचों द्वारा भी अवैध ईट भट्ठों पर कार्यवाही नहीं की जाती है और सरपंचों को पूछने पर बताते है की भट्ठा संचालको को एनओसी नहीं दीया गया है |
भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे अधिकारी, कार्यवाही करने में छूट रहा पसीना
खनिज विभाग के अधिकारी , तहसीलदार व अन्य अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हुए है क्युकी कमीशन का हिस्सा उन तक पहुंच जाता है । जिसके कारन मामूली कार्यवाही कर छोड़ देते है जिससे ईट भट्ठा संचालको के हौसले और भी बुलंद होने लगते है । सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है की अधिकारी वर्ग ईट भट्ठी वालो से अपना हिस्सा रख लेते है।
याने साफ तौर पर कहा जा सकता है की खुले आम अधिकारियो द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पत्रकारों को याने लोकतंत्र के चौथे सतम्भ द्वारा दी गयी जानकारी को अनदेखा करते है अधिकारी ।
और समाचार प्रकाशित करने के बाद भी कार्यवाही नही करते।