लॉकडाउन से पूर्व ही गुड़ाखू-गुटके की कालाबाजारी हुई शुरू

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जगदलपुर

गुड़ाखू सेवन और गुटखा खाने वाले शौकीनों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है. कोरोनाकॉल के प्रथम लॉकडाउन के दौरान इन दोनों सामग्रियों की जमकर कालाबाजारी देखने को मिली थी. ऐसा ही कुछ इस बार भी शुरू होने की संभावना अब चरम पर है.

कुछ पान दुकान संचालकों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गुड़ाखू की एक डिब्बी Rs 7 में वह विक्रय कर रहे हैं और इसका पूड़ा Rs 252 मैं आता है. लेकिन अब इसी पूड़े के लिए थोक विक्रेता Rs 330 से Rs 500 तक ले रहे हैं. वहीं, एक प्रतिष्ठित गुटखा कंपनी का Rs 5 का पाउच वे Rs 125 पूड़े के हिसाब से लेते थे. लेकिन, अब यही पूड़ा Rs 150 का हो गया है. कमोबेश यही स्थिति कुछ अन्य सामग्रियों की भी है.

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लॉकडाउन से पूर्व, इन छोटे व्यापारियों को अब यह चिंता सताने लगी है कि जिस पूड़े में वे Rs 20-50 कमा पाते थे; अब वह आमदनी भी बंद या कम होने की कगार पर है क्योंकि इन्हें मजबूरी में Rs 20 में गुटके के 3 पाउच बेचना पड़ रहा है.

अपुष्ट सूत्रों की माने तो शहर से दूर आसना ग्राम में राजधानी से थोक में आने वाले गुड़ाखू-गुटके की वाहनों को यहां के थोक विक्रेता पहले ही खाली कर रहे हैं और किसी अन्य स्थान पर स्टॉक कर रहे हैं, ताकि इसे बाद में अधिक दामों पर बेचा जा सके.

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जानकारी देते हुए निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि सामग्रियों की जमाखोरी, कानून के विरुद्ध है और अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसा किसी के द्वारा अगर किया जाता है तो निश्चित तौर पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी.