छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के कारण राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है यहाँ तक की मरीजों के लिए जगह है न शवों के लिए | कई ज़िलों में तो लॉकडाउन के बीच अस्पतालों के बाहर मरीज़ों की लम्बी लम्बी लाइन लगी हुई है | एंबुलेंस में, अस्पताल की सीढ़ियों पर, बरामदों में मरीज़ आक्सीजन सिलेंडर लिए बैठे हुए हैं | शहर की दवा दुकानों में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लंबी कतारें हैं यहाँ तक कि AIIMS में मरीज के लिए इंजेक्शन के लिए लम्बी कतारें लगी है और एक बार में सिर्फ एक ही दिया जा रहा है दुसरे डोज़ के लिए फिर से लाइन और यह दौड़ यहीं ख़त्म नहीं हो रही है, कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के कारण राजधानी रायपुर के सबसे बड़े भीमराव आंबेडकर अस्पताल के शव घर में नए शवों को रखने की जगह नहीं बची है | शमशान घाट में भी अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है. राजधानी रायपुर में भी शमशान घाट कम पड़ गए हैं |
कोरोना बढ़ने का मुख्य कारण क्या है –
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि छत्तीसगढ़ ही नहीं पुरे देश भर में एक बड़ी आबादी ने कोरोना को लेकर लापरवाही भरा रवैया अपनाया. लोग कोरोना के लेकर कभी सतर्क नहीं रहे यदि हर नागरिक कोरोना के नियमों का पालन करता आज ये जो हालात सामने है ये कभी नहीं बनते |
सिंहदेव कहते हैं, “सरकार की तमाम कोशिश के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग बरतने, मास्क लगाने और कोरोना से बचने के दूसरे उपाय अपनाने में कोताही बरती गई. जिनमें आरंभिक लक्षण थे, उन्होंने भी समय पर जाँच नहीं करवाई और कोरोना का विस्तार होता चला गया.”