टीकाकरण अभियान में झोंके गए एक हजार से ज्यादा कर्मी, नेशनल पार्क समेत इंद्रावती पार इलाके में जारी है कोरोना से जंग
बीजापुर@ कोरोना की रफ्तार के बीच जिले के अंदरूनी इलाकों में कोविड टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने स्वास्थ्य कर्मियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पामेड़, पटनम के सेंड्रा, भैरमगढ़ के मंगलनार से लेकर इंद्रावती पार बसे गाँव तक फ्रंटलाइन वर्कर टीके का बक्सा लेकर पहुँच तो रहे है मगर महुआ का सीजन टीकाकरण में खलल डाल रहा है। गाँव मे महुआ संग्रहण से लोंगो से सम्पर्क मुश्किल हो रहा है। सम्पर्क हो भी जाये तो टीका लगवाने घण्टो समझाइश की नौबत आ रही है।
इस जद्दोजहद के बीच फ्रंटलाइन वर्कर(स्वस्थ्य कर्मियों) को भरी गर्मी में दुर्गम इलाकों का सफर कभी नाव तो कभी पैदल ही तय करना पड़ रहा है, हालाँकि परेशानियों से जूझ रहे मैदानी कर्मचारियों की कोशिश से अंदरूनी इलाकों टीकाकरण की शरुआत अवश्य हो चुकी है।
जिला टीकाकरण अधिकारी आदित्य साहू के मुताबिक महुआ का सीजन के चलते ग्रामीण इलाकों में लोग घरों में कम जंगल मे समय ज्यादा बीता रहे है। उनसे संपर्क साधने में दिक्कतें पेश आ रही है, वही तरह तरह की भ्रांतियां है, जिसके चलते कई इलाकों में ग्रामीण टीका लगवाने से संकोच करते दिखे है। समझाइश के बाद भी कई ग्रामीण बुखार इत्यादि कि शिकायत करते टीके से परहेज कर रहे है,
बाबजूद पामेड़, भैरमगढ़ इंद्रावती पार, सेंड्रा जैसे कठिन इलाकों में स्वास्थ्य कर्मी कोविड टीकों के साथ आमद दे रहे है, लोगो को प्रेरित कर रहे है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग के सामने यह समस्या भी है कि वर्तमान में महुआ के चलते अंदरूनी गाँव मे टीकाकरण की रफ्तार शरुआती दौर में धीमी है, ऐसे में जल्द ही तेंदूपत्ता की खरीदी शरू होते ही ग्रामीण इलाकों में यह परिस्थिति परेशानी अवश्य बढ़ाएगी।
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के आकड़ो के अनुसार जिले में 60000 टीकाकरण का लक्ष्य सुनिश्चित है। जिसमें 26115 वैक्सिनेशन हो चुके है। इसमें भोपालपट्टनम सीएचसी अंतर्गत 62 प्रतिशत,उसूर में 38 प्रतिशत,बीजापुर में 40 प्रतिशत,भैरमगढ़ में 26 प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण है। कोरोना को मात देने टीकाकरण अभियान में 300 स्वास्थ्य कर्मी, 150 शिक्षा विभाग कर्मी,300 मितानिन, 300 आब्जर्वर शामिल है।