जगदलपुर… पिछले कुछ दिनों से इंद्रावती नदी के किनारे वर्ष
2020-21 में हुए पौधरोपण में भ्रष्टाचार की खबरें अखबारों में सुर्खियां बटोर रही थी पूरे मामले को लेकर बस्तर जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान लेने के बाद संबंधित अधिकारियों ने आनन-फानन में नदी किनारे फिर से पौधरोपण की तैयारी करते हुए गड्ढे खुदवा लिए हैं लेकिन अब भी पौधे लगाने का कार्य बाकी हैै।
दरअसल पूरा मामला शहर सीमा से लगे ग्राम पंचायत आसना से जुड़ा हुआ है जहां कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत आसना ने इंद्रावती नदी के किनारे के एक बड़े क्षेत्र में पौधे लगाए थे पौधे लगाने के कुछ महीनों बाद ही देखरेख के अभाव में पंचायत की लापरवाही के चलते सारे पौधे मर गए… इस पूरे पौधरोपण कार्य के लिए बस्तर जिला प्रशासन ने जनपद पंचायत जगदलपुर को डीएमएफटी मद से राशि उपलब्ध कराई थी और महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से भी कार्य स्वीकृत हुआ था पूरे मामले में कई दफे जनपद पंचायत जगदलपुर के सीईओ यतींद्र पटेल को भी अवगत कराया गया था लेकिन जनपद पंचायत जगदलपुर की लापरवाही और उदासीनता के चलते अब तक इस पूरे भ्रष्टाचार के मामले की जांच नहीं हो पाई है ना ही पौधरोपण के भ्रष्टाचार के खेल में शामिल आसना सरपंच और सचिव पर कोई कार्यवाही की गई है लगातार अखबारों में समाचार प्रकाशन के बाद प्रशासन भी हरकत में आया जिसके बाद नदी के किनारे आनन-फानन में ही फिर से पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोद दिए गए हैं लेकिन अब भी पौधरोपण होना बाकी है ।
ज्ञातव्य हो कि लगातार बाढ़ की स्थिति में इंद्रावती नदी के दोनों छोर में लगातार मिट्टी का क्षरण हो रहा जिसके चलते इंद्रावती नदी में अब वर्ष भर पानी का बहाव भी नहीं हो पाता और नदी की मूल संरचना भी प्रभावित हो रही है जिससे पुनः नदी की मूल संरचना को वापस लाए जाने और मिट्टी के क्षरण को रोकने पौधरोपण का कार्य किया जाना अति आवश्यक है लेकिन पौधरोपण कार्य किए जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के चलते फिलहाल यह भी संभव होता नजर नहीं आ रहा है अब देखना यह है कि कब तक पौधरोपण का कार्य जनपद पंचायत जगदलपुर के द्वारा किया जाता है और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर कार्यवाही होगी भी या जांच की औपचारिकता पूर्ण कर मामले को निपटाया जाएगाा।