खबर का असर… ग्रामीणों को मिली कीचड़ युक्त सड़क से मुक्ति… एडवांस लेने के 8 माह बाद तक अधूरी थी सड़क

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सुविधा… सड़क की स्वीकृति मिलने के बाद भी आसना सरपंच और सचिव की लापरवाही पड़ी थी भारी… अब बन गई सड़क

जगदलपुर… जनपद पंचायत जगदलपुर में विकास की स्थिति का आकलन करना हो तो इस खबर को भी पढ़ना जरूरी है निर्माण कार्यों में प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा के चलते आदिवासी बाहुल्य बस्तर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कई प्रकार की परेशानियों को झेलना जैसे एक मजबूरी सी है जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ शासन ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए लगातार प्रयासरत दिखती है वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों की बड़ी लापरवाही भी विकास के पथ पर एक बड़ी बाधा बनकर सामने आती है ऐसा ही एक ताजा उदाहरण जगदलपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत आसना में देखने को मिला जब गांव के आश्रित ग्राम तामाकोनी क्षेत्र में रनू दुकान से चंदरू घर तक 100 मीटर सड़क प्रशासकीय स्वीकृति राशि तीन लाख 45 हजार सीसी सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद भी ग्रामीणों को सड़क के लिए 8 माह तक इंतजार करना पड़ा दरअसल गांव के सरपंच प्रवीर देहारी और पंचायत सचिव सीताराम यादव सरपंच-सचिव की भूमिका में कम और ठेकेदार की भूमिका में ज्यादा नजर आ रहे हैं दोनों ही जिम्मेदारों ने सड़क बनाने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर-नवंबर में ही एडवांस राशि का आहरण जनपद पंचायत जगदलपुर से कर लिया था लेकिन जब बात सड़क बनाने की आई तो लगातार टालमटोल करते रहे वैसे तो आसना पंचायत शिक्षा के दृष्टिकोण से पढ़े लिखे गांव की श्रेणी में आता है लेकिन जिस क्षेत्र में सड़क का निर्माण होना था वहां आदिवासी जनसंख्या ज्यादा है जिसका फायदा सरपंच सचिव उठा रहे थे ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में भी कीचड़ युक्त सड़कों पर चलना मजबूरी सा बन गया था… लेकिन चैनल इंडिया के समाचार प्रकाशित करने के तुरंत बाद ही प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस पूरे मामले में संज्ञान लिया जिसके बाद आनन-फानन में ही निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत आसना ने सीसी सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया |

अब सवाल यह उठता है कि जनपद पंचायत जगदलपुर के 5 किलोमीटर में ही स्थित ग्राम पंचायत में यदि सड़क के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हुई और 8 माह पूर्व एडवांस राशि का आहरण करने के बाद भी यदि सड़क नहीं बन रही थी तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है आहरण वितरण का अधिकार रखने वाले जनपद पंचायत जगदलपुर के अधिकारी ही इसके लिए जिम्मेदार हैं जिन्होंने अपने अधीन कार्य करने वाले पंचायत सचिवों को शायद लापरवाही करने की छूट दे रखी है वरना 8 माह तक सड़क निर्माण नहीं करना तो एक बड़ी लापरवाही निश्चित तौर पर कही जाएगी जनपद पंचायत जगदलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी यतींद्र पटेल जनपद के ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों को लेकर कितने संजीदा हैं और निर्माण कार्यों का कब-कब निरीक्षण करते हैं इस पर भी यह पूरा मामला एक बड़ा सवाल उठा रहा है पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले गांव के सरपंच-सचिव को जनपद पंचायत जगदलपुर ने सड़क निर्माण में एडवांस लेने के बाद भी हुई 8 माह की देरी के लिए अभी तक किसी भी प्रकार की नोटिस अथवा लिखित जानकारी नहीं मांगी है जो यह भी बताता है कि कहीं ना कहीं जनपद पंचायत के संरक्षण के चलते ही यह सब संभव हो पाता है और मजबूरन ग्रामीणों को इसकी सजा भुगतनी पड़ती है |

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