दल्लीराजहरा – कल रात्रि 10:30 बजे की आसपास मानपुर चौक में खडगांव माइंस से आयरन और भरकर आ रही 22 चक्का वाहन क्रमांक CG04 MC 6524 ड्राईवर मनोज कुमार रावत मोड़ पर अनियंत्रित होकर तीन मकानों के साथ बिजली के खम्भे को तोड़ती हुई पलट गई | ट्रक के पलटने से लोगों के मकानों में आयरन ओर घुस गया |
कच्चे माइंस एवं खडगाँव एवं बोरिया के माइंस की ओर से 22 चक्का भारी वाहन जिसमे सड़क की क्षमता से भी अधिक 50-60 टन माल रहता है जिसकी वजह से रोड की दुर्गति हो गई है जगह जगह रोड पर छोटी छोटी मेड जैसी सतह बन गई है जिन पर कि छोटे वाहन लहराकर चलते है | जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है | ड्राईवर मनोज कुमार रावत के बयान को देखकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि इस प्रकार पूरी तरह से नशे में रहने से उसकी क्या स्थिति हो सकती है |
ट्रक के पलटने के बाद किस प्रकार पूरी रात गाड़ी से डीजल बूंद बूंद कर टपक रहा था इससे कितनी बड़ी अनहोनी हो सकती थी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है |
मौके पर पुलिस के पहुँचने के बाद ड्राईवर को भीड़ से बचाकर श्रमवीर चौक पर लाकर छोड़ दिया गया, रात के 12 बजे ड्राईवर मनोज कुमार रावत थाने का पता पूछता हुआ भटक रहा था | पुलिस द्वारा उसका प्राथमिक उपचार भी नहीं कराया गया और न ही थाने तक पहुँचाने की ज़हमत की गई थी |
22 चक्का वाहन मोड़ पर अनियंत्रित होकर तीन मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया स्थानीय लोगों के द्वारा बताया गया कि जिन दुकानों को वाहन द्वारा तोड़ा गया वहां पर कुछ समय पहले तक युवा बैठे हुए थे उनका एवं घर में निवास करने वालों का सौभाग्य रहा कि उस समय कोई भी मौजूद नहीं था नहीं तो बड़ी जनहानि होने की सम्भावना थी, रात में पुरे गाँव में दहशत का वातावरण निर्मित हो गया था पूरी रात लोगों में भारी आक्रोश एवं चक्काजाम करने की बात चल रही थी |
वाहन के द्वारा बिजली खम्भे को तोड़ दिया गया जिससे चालू लाइन के तार गाड़ी एवं घर के पास गिर गया था, ग्रामवासियों द्वारा तत्काल बिजली विभाग को सुचना दी एवं बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुँचकर लाइन को बंद किया गया अन्यथा चालू करंट के संपर्क में आने से दुर्घटना बड़ा रूप ले लेती |
एक तरफ तो सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है वहीँ दूसरी ओर इस प्रकार सड़क के किनारे कूड़े कचरे का ढेर देखने को मिल रहा है सफाई व्यवस्था के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है |
कुछ समय पूर्व इसी प्रकार के कच्चे माइंस के एक वाहन ने कुछ दुरी पर लगे संकेत एवं दुरी को चिन्हित करने वाले बोर्ड को इतनी जोर से टक्कर मारा कि बोर्ड रोड के बीचोबीच गिर गया था एवं बड़ी दुर्घटना टल गई थी कई घंटे चक्काजाम के बाद स्थिति सामान्य हुई थी आज तक वह बोर्ड उसी स्थिति में पड़ा हुआ है | इसी प्रकार एक हाईवा द्वारा चिखलाकसा में लगे इसी प्रकार के बोर्ड को भी तोड़ दिया गया था जो कि आज भी रोड के किनारे यथास्थिति में पड़ा हुआ है | इस ओर प्रशासन द्वारा लोगों की सुविधाओं के लिए इस प्रकार के सुचना बोर्ड लगाये जाते है किन्तु इन भारी वाहन चालकों की लापरवाही के कारण दुर्घटना के बाद टूटे हुए बोर्डों के संधारण का खर्च इन वाहन मालिकों से क्यों नहीं वसूला जाता है अगर वसूला जाता है तो मरम्मत क्यों नहीं कराया जाता है ?