बस्तर के किसानों के खेत हुए बारिश के प्यासे, सुकमा में 900 मिमी.तो बस्तर में 475 मिमी.

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जगदलपुर। मानसूनी सीजन के आधा से ज्यादा समय गुजर गया है और बस्तर के किसानों के खेत में पानी नहीं बरसने के कारण खेती-किसानी का काम ज्यादा प्रभावित हो रहा है। किसानों के खेत प्यासे हो गये हैं। विडंबना है कि बस्तर में सात विकास खंड है और सभी जगह खंडवृष्टि के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई है। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 598.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 7 अगस्त तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार कोरबा जिले में सर्वाधिक 900.8 मिमी और बालोद जिले में सबसे कम 425.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

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राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 498.9 मिमी, सूरजपुर में 706.5 मिमी, बलरामपुर में 671.5 मिमी, जशपुर में 632.2 मिमी, कोरिया में 597.7 मिमी, रायपुर में 518.4 मिमी, बलौदाबाजार में 623.1 मिमी, गरियाबंद में 516.1 मिमी, महासमुंद में 506.8 मिमी, धमतरी में 499.9 मिमी, बिलासपुर में 655.6 मिमी, मुंगेली में 611.2 मिमी, रायगढ़ में 531.2 मिमी, जांजगीर चांपा में 636 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 664.6 मिमी, दुर्ग में 524.7 मिमी, कबीरधाम में 497.9 मिमी, राजनांदगांव में 450.9 मिमी, बेमेतरा में 721 मिमी, बस्तर में 479.3 मिमी, कोण्डागांव में 575.5 मिमी, कांकेर में 500.8 मिमी, नारायणपुर में 704.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 539.4 मिमी, सुकमा में 898.6 और बीजापुर में 670 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।

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