संविदा में नियुक्त मंडी उपनिरीक्षक को सचिव का प्रभार, मंडी बोर्ड में संविदा नियुक्ति का सेटअप नहीं, नियमों की अनदेखी

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रायपुर – महासमुंद जिले की कृषि उपज मंडी बसना में सेवानिवृत्त मंडी उपनिरीक्षक को संविदा नियुक्ति देते हुए सचिव पद का प्रभार सौंपे जाने को लेकर विवाद गहराने लगा है। विभाग के कर्मचारियों द्वारा इसे मंडी बोर्ड विनियम का उल्लंघन बताया गया है। मंडी बोर्ड द्वारा 19 जुलाई को एक आदेश जारी कर अब्दुल वाहिद दयाला सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक को एक साल के लिए संविदा नियुक्ति दी गई। विभाग ने अपने आदेश में कहा कि तात्कालिक व्यवस्था के तहत उन्हें सचिव कृषि उपज मंडी बसना का प्रभार भी दिया जाता है।

बताया जाता है कि मंडी सचिव नियुक्त करने के लिए निर्धारित योग्यता के मापदंड का वे पालन नहीं करते। बताया जाता है कि मंडी उपनिरीक्षक के लिए स्नातक और सचिव के लिए स्नातकाेत्तर होना अनिवार्य है। मंडी बोर्ड में संविदा कर्मी रखे जाने का सेटअप स्वीकृत नहीं होने के बाद भी मंडी बोर्ड के अपर संचालक के आदेश से नियुक्ति कर दी गई। अब्दुल वाहिद की नियुक्ति संविदा में की गई है, लेकिन उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। उन्हें फरवरी 2021 तक प्रत्येक तीन माह में नियमित कीमो का बिल शासन की तरफ से दिया गया है। विभाग के कर्मचारियों में इसे लेकर नाराजगी है। विभाग में नियमित निरीक्षक होने के बाद भी उन्हें यह पद नहीं दिया गया। मामले को लेकर अब कर्मचारी विभागीय सचिव से शिकायत करेंगे। विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उनके अनुभव को देखते हुए उनको सचिव पद का प्रभार दिया गया है। इसके पूर्व उन्होंने प्रभारी सचिव के रूप में कार्य किया है।

उन्हें वित्तीय पॉवर नहीं

मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवअनंत तायल ने बताया कि महासमुंद जिले में मंडी उपनिरीक्षक को संविदा नियुक्ति प्रदान करते हुए उन्हें सचिव का प्रभार दिया गया है, लेकिन उन्हें वित्तीय पॉवर नहीं दिया गया है। संविदा कर्मी का स्वास्थ्य अक्सर खराब रहने को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी लेंगे।

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