रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में पिछले आठ माह से डीपीसी नहीं होने के कारण सैकड़ों अधिकारियों के पदोन्नति के मामले रुके हुए थे। सामान्य प्रशासन के निर्देश के बाद डीपीसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लोक सेवा आयोग ने आरक्षण को लेकर सामान्य प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अंतरिम आदेश के तहत पदोन्नति की कार्रवाई किए जाने या स्थगित रखने के संबंध में मार्गदर्शन मांगा था। अब पिछले आठ माह से रूके राजपत्रित श्रेणी के पदों पर विभागवार पदोन्नति आदेश जारी हो सकेंगे।
मामले में पीएससी का कहना है, सुप्रीम कोर्ट द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के आदेश का निराकरण होने तक प्रमोशन पर रोक लगा दिया था। शासन के अन्य विभागों में डीपीसी के बाद पदोन्नति के आदेश जारी किए जा रहे हैं। अधिकारियों के दबाव बनाने पर पीएससी ने सामान्य प्रशासन विभाग से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा था। समान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में पीएससी के पत्र पर डीपीसी की प्रक्रिया को जारी रखने के निर्देश दिए हैं। पदोन्नति पर रोक लगने से पीएससी में विभागों के सैकड़ों प्रकरण पिछले आठ माह से डंप पड़े थे। अफसरों का कहना है, पीएससी को डीपीसी रोकने का अधिकार नहीं है। जीएडी से अब तक जितने भी पदोन्नति आदेश हुए हैं, उसमें कोर्ट के आदेश का संदर्भ दिया जा रहा है।
इस आदेश से लगाई थी रोक
बताया जाता है, विद्युत मंडल में पदस्थ मुख्य अभियंता विजय सिंह कोर्राम की पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पदोन्नति में आरक्षण दिया गया है, अत: रिवर्ट किया जाए। मामले में कोर्राम की पदोन्नति हो चुकी है, उसे रिवर्ट न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। पीएससी ने इस आदेश के बाद पदोन्नति पर रोक लगा दी।
जीएडी से मांगा था मार्गदर्शन
आयोग ने आरक्षण को लेकर समान्य प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अंतरिम आदेश के तहत पदोन्नति की कार्रवाई किए जाने या स्थगित रखने के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 से प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा रखी है। लोक सेवा आयोग दिसंबर 2020 तक हाईकोर्ट के निर्देशों के आधार पर प्रमोशन करता आया है। जनवरी 2021 में इसे लेकर जीएडी से निर्देश मांगा था।