बालोद – करहीभदर जामगांव आर मार्ग के चौड़ीकरण के तहत एडीबी प्रोजेक्ट के द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और जो मुआवजे के नाम पर जो चेक बांटे जा रहे हैं वह भी बाउंस हो रहा है और तो और किसानों पर अपनी जमीन छोड़ने,सामान हटाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इससे दहशत में डरे सहमे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है | प्रशासन को किसानों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है | किसानों की दर्दनाक स्थिति को देखते हुए समाज सेवी संगठन हिंदसेना ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है और कलेक्टर को इस मामले से अवगत कराते हुए एडीबी पर कार्यवाही करने की मांग की है | कार्य परियोजना के प्रबंधक राजनांदगांव में बैठतें हैं |
जैसा कि पीड़ित किसानों ने बताया कि विगत दो-तीन पीढ़ी से जमीन पर काबिज है वर्तमान में दिए जा रहे मुआवजे से किसान संतुष्ट नहीं है।इनके जमीन का केंद्र द्वारा कोई मूल्य नहीं किया गया है। जबकि एडीबी के द्वारा केंद्र से जमीन मूल्यांकन करवाने की बात, लोगों को कही गई थी। परियोजना प्रबंधक एडीबी प्रोजेक्ट द्वारा बार बार डरा धमका कर फर्जी चेक दिया जा रहा है। जो बाउंस हो गया है। इससे आहत होकर एक ग्रामीण ने आत्महत्या भी कर ली थी |
हिंदसेना के प्रदेश मुख्य संयोजक तरुण नाथ योगी सहित अन्य साथियों ने कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवारों, किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। एडीबी प्रोजेक्ट के तहत कई किसान प्रताड़ित हो रहे हैं। जिनकी जमीन तो ले ली गई है लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और जो मुआवजे के नाम पर चेक बांटी जा रही है वह बाउंस हो रहा है।
करहीभदर से जामगांव रोड चौड़ीकरण का कार्य परियोजना प्रबंधक एडीबी प्रोजेक्ट राजनादगांव द्वारा किया जा रहा है। जिससे इन सभी प्रभावित परिवारों का पट्टे का जमीन एवं उससे निर्मित परिसंपत्तियों को अधिग्रहित किया जा रहा है। जो कि पूर्व में इनकी जमीन पर लगानी के अंतर्गत थी। वर्तमान में उसे आबादी घोषित कर दिया गया है। उक्त त्रुटि बंदोबस्त के समय हुआ है।