निजीकरण के आड़ में अपने चंद उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए सरकारी उपक्रमों को आधे से भी कम दाम में कर रहे है निलामी…
जगदलपुर
युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव व सांसद प्रतिनिधि सुशील मौर्य ने भाजपा के चिंतन शिविर को बताया पब्लिसिटी स्टंट छत्तीसगढ़ व बस्तर से अपने खत्म हुए जनाधार को बचाने के लिए आखरी कोशिश कर रही भाजपा। साथ ही भाजपा के नेताओं में अपने शिर्ष नेतृत्व के सामने टिकिट की दौड़ के लिए अंदरूनी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में भाजपा अपने चिंतन शिविर में क्या किसानों के हित की बात करेगी देश मे किसान विगत 1 वर्षो से आन्दोलनरत है और केंद्र सरकार किसानों से वार्ता के नाम पर अपने उधोगपतियों के सर्थो को थोंपने का काम कर रही है। लोकसभा एवँ राज्य सभा मे भी बहुमत के दम पर भाजपा की केंद सरकार बिना बिल पर चर्चा किये प्रस्ताव पारित कर देश लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिसके चलते आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन (किसान आंदोलन) जिसमे अब तक 500 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है परंतु केंद्र की किसान विरोधी सरकार के कानों में जूं तक नही रेंगती है।
मौर्य ने कहा कि किसानों के हित की सरकार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार है जो किसानों का कर्जा माफ करने वाली व 2500 रुपये क्विंटल धान का समर्थन मूल्य देने वाली देश की पहली सरकार है। साथ ही फसल क्षती पर 9000 रुपये प्रति एकड़ दे कर किसानों को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है। केंद की मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार से सिख लेते हुए एवँ रोल मॉडल मानते हुए देश मे भी लागू करना चाहिए।
मौर्य ने कहा..आज केंद्र में बैठी मोदी सरकार रेलवे,एयर इंडिया, पेट्रोलियम कोर्पोरेशन लिमिटेड, हेलीपैड, बैंक आदि को बेच रही है..हर मोर्चे पर फेल मोदी सरकार पूरी तरह केवल अपने पूंजीपति साथियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है..अपनी अस्मिता को बचाने के लिए भाजपा का यह चिंतन शिविर महज एक ढोंग है..एक तरफ पूरा देश कोविड महामारी के कारण आर्थिक तंगी से झूझ रहा है..वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार के द्वारा लगातार जनविरोधी नीतियों से बढ़ती हुई मंहगाई से पूरा देश त्रस्त है..किसानों के हित में हमेशा काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा झूठ का प्रचार करने में जुटी है, मौर्य ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा किसानों का सम्मान किया है..भाजपा के नेता किसान विरोधी काला कानून से जनता का ध्यान हटाने के लिए छत्तीसगढ़ में किसानों व आदिवासियों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और किसानों व आदिवासियों के शुभचिंतक होने का ढोंग कर रहे हैं..छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा के किसान विरोधी,गरीब विरोधी,मजदूर विरोधी चरित्र को बखूबी समझती है।