आदिवासियों को खत्म करने का ठेका आईजी कल्लुरी को दिया था भाजपा ने, आदिवासी मंत्री होने के बावजूद पंद्रह वर्षों तक असहाय थे बस्तरिया – रूक्मणी कर्मा

0
197

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव व बीजापुर जिला प्रभारी रुकमणी कर्मा ने आदिवासियों की निर्ममता पूर्वक हत्या के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है और पूर्व आदिवासी मंत्री केदार कश्यप का नाम लिए बिना उनके कार्यकाल पर भी गंभीर टिप्पणी की है। महासचिव रुखमणी कर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा और आर एस एस बस्तर की खोई हुई जमीन तलाशने के लिएआलीशान एसी रूम में चिंता शिविर करने में लगे हुए हैं , यही चिंता बीते 15 सालों* में किए होते तो बस्तर के * आदिवासी* *अंचल की तस्वीर और तकदीर बदल जाती। आर एस एस और भाजपा के नेताओं को छत्तीसगढ़ के माननीय भूपेश बघेल सरकार की ऐतिहासिक जननीती योजनाओं एवम् छत्तीसगढ़ सरकार की पूरे देश में बढ़ती हुई लोकप्रियता से घबराकर बीजेपी किसान व आदिवासी हितैषी बनने का ढोंग रच रही है जबकि देश की राजधानी दिल्ली में साल भर से अधिक समय से किसान आंदोलनरत है, 500 से अधिक किसान शहीद हुए। बीजेपी छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी बताएं किसान विरोधी काला कानून कब वापस होगा ।

This image has an empty alt attribute; its file name is mathur.jpg

बीजेपी के प्रदेश प्रभारी को बस्तर की जनता को बताना चाहिए की बढ़ते हुए पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती हुई कीमतों को कम कब करेगी, देश में बढ़ती हुई महंगाई पर चिंता शिविर करने की जरूरत है।

महासचिव कर्मा ने आगे कहा कि आदिवासी आज भी नहीं भूले हैं, उन 15 साल की बीजेपी शासन काल को जब बस्तर के पूर्व आईजी एसआर कल्लूरी को आदिवासियों की जनसंख्या को खत्म करने का मानो ठेका ही दे दिया गया था , वो दिन कैसे भुल जाए पेद्दा गेलुर, चिन्ना गेलूर, ताड़मेटला, फर्जी मुठभेड़ , फर्जी आत्मसमर्पण , निर्दोष आदिवासियों को फर्जी केस बनाकर जेल में ठुंस दिया गया ,इस प्रकार आदिवासियों की अस्मिता की लूट और खूनी खेल चलता रहा,वो दिन कैसे भूल जाएं। आदिवासी त्यौहार 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस सरकारी अवकाश घोषित करने हेतु मांग लगातार करते रहे लेकिन बीजेपी शासन काल के आदिवासी नेता -मंत्री किसी ने ध्यान नहीं दिया आज देखिए बस्तर के कांग्रेसी विधायक सांसद ,मंत्री सारे *एकजुट होकर मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखें तो मुख्यमंत्री ने बगैर देरी के छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया माननीय भूपेश बघेल जी के द्वारा इस त्यौहार में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आदिवासियों की त्यौहार में शासकीय अवकाश दिया गया।

This image has an empty alt attribute; its file name is JHA-3.jpg

सभी आदिवासी एवं मूलनिवासी समाज को सामाजिक भवन के साथ – साथ पट्टा देने का काम हो या वन अधिकार कानून के तहत व्यक्तिगत व सामुदायिक वन संसाधन के भी अधिकार पत्रक दिए जा रहे हैं इससे साफ झलकता है कि कौन आदिवासी हितैषी है और कौन नहीं है।

छत्तीसगढ़ एवं बस्तर की जनता बीजेपी और आर एस एस की जन विरोधी नीतियों को भली-भांति जानती है इनके चाल व चरित्र को । बीजेपी हमेशा उद्योगपतियों एवं सेठ साहूकारों को ध्यान में रखकर नीति बनाती है जिस प्रकार देश की सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में बेचने का काम लगातार कर रही है जिसका दुष्परिणाम देश की जनता को कीमत चुकाना पड़ रहा इसलिए *छत्तीसगढ़ की जनता व बस्तर की जनता बीजेपी को फिर एक बार *सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी हुई इंतजार कर रही है।