जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्योग लगाने की नीति को काफी सरल कर दिया है। उद्योगपतियों को अलग-अलग विभागों में जाने की जरूरत नहीं है। एक ही जगह बिजली, पानी, जमीन और पर्यावरण आदि सभी तरह की जानकारी और सुविधाएं उपलब्ध है। नया और छोटा राज्य है लेकिन खनिज और वन संसाधन प्रचुर मात्रा में है। इसलिए उद्योगपतियों के लिए छत्तीसगढ़ काफी अच्छी संभावना वाला राज्य है। राजस्थान के जयपुर के होटल मेरियट में चेम्बर आफ कामर्स के साथ एक परिचर्चा में प्रदेश के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोयला, लोहा, बाक्साईट सब कुछ है। दुनिया का लोहा का सबसे बड़ा पहाड़ बस्तर के बैलाडिला में है। व्यापार के लिए काफी अनुकूल माहौल छत्तीसगढ़ में है इसलिए राजस्थान के उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने से फायदा होगा। बिजली और पानी समेत मजदूर की कमी नहीं है। बिजली के मामले में तो किसी तरह की समस्या नहीं है बल्कि हम तेलंगाना को बिजली दे रहे हैं।
लखमा ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ घिरा हुआ प्रदेश है। इसलिए उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ के अलावा आसपास के राज्यों का भी साथ मिलेगा। मंत्री लखमा ने अपने चिरपरिचत अंदाज में कहा कि राजस्थान के लोगों को बस्तर में मारवाड़ी कहते हैं। मेरे सुकमा जिले में सबसे ज्यादा राजस्थान के लोग बसे हैं। जो टोरा महुआ से लेकर कपड़ा और बड़े-बड़े व्यापार में लगे हैं। बस्तर के मेला, मड़ई में भी मारवाड़ी लोग गांव-गांव तक धंधा के लिए पहुंचते हैं। वहां बसे लोग अब राजस्थान आना नहीं चाहते। मैं उद्योग मंत्री के नाते राजस्थान आया हूं और आप लोगों को छत्तीसगढ़ आमंत्रित कर रहा हूं। वहां आकर व्यापार करें और छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति का फायदा उठाएं। इस मौके पर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रबंध संचालक सीएसआईडीसी पी अरूण प्रसाद, अपर संचालक उद्योग प्रवीण शुक्ला, आलोक त्रिवेदी, ओपी बंजारे, पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स के राजस्थान चेप्टर के चेयरमेन दिग्विजय डाबरिया, को-चेयरमेन सुनील दत्त गोयल तथा रेजिडेंट डायरेक्टर आरके गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे।
सुरेश रावल, मीडिया सलाहकार