दिनांक 04.10.2021 को भारतीय मजदूर संघ से संबधं खदान मजदूर संघ भिलाई के केंद्रीय कार्यकारिणी की छटवीं त्रैवार्षिक आमसभा दल्ली राजहरा में संपन्न हुई जिसमें नए केंद्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया और कर्मियों एवं श्रमिकों के हितों से जुड़े कई प्रस्ताव पारित गए गए। इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए संग के नव निर्वाचित अध्यक्ष एमपीसिंह ने बताया कि खदान मजदूर संघ भिलाई के पुराने कार्यकारिणी का कार्यकाल समाप्त हो चूका था और वर्ष 2020 में ही नए कार्यकारिणी का गठन किया जाना था किन्तु कोरोना महामारी के कारण इसे आगे बढ़ाया जा रहा था। वर्तमान में कोरोना महामारी नियंत्रण में आने के बाद भा.म.सं. के प्रदेश महामंत्री ने खदान मजदूर संघ भिलाई के नए कार्यकारिणी के गठन हेतु सहमति प्रदान की और भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश पभारी (सार्वजानिक उपक्रम) राधेश्याम जायसवाल को नए कार्यकारिणी गठन हेतु अधिकृत किया। तत्पश्चात प्रदेश प्रभारी सार्वजनिक उपक्रम राधेश्याम जायसवाल और बालोद जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने भारत माता, विश्वकर्मा भगवान और दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुवात की गयी। तत्पश्चात अथितियों का स्वागत किया गया। उसके उपरांत कर्मियों के हितार्थ पांच प्रस्ताव पारित किये गए जो इस प्रकार से हैं –

(१) सेल प्रबंधन द्वारा हाल ही में बीएसपी एवं बीएसएल से तीन कर्मियों का अन्यत्र स्थानांतरण किया गया है जिसे प्रबंधन के अधिकारी नियमित प्रक्रिया कहकर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे हैं जबकि वास्तविकता यह है कि उक्त स्थानांतरण बदले की भावना से की गयी कारवाई है जिसका संघ पुरजोर विरोध करता है और उक्त स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने की मांग करता है। उक्त प्रस्ताव श्री राजीव सिंह द्वारा लाया गया जिसका समर्थन श्री अजित मालिक द्वारा किया गया।

(२) नीलेश कुमार द्वारा रखा गया और किशोर कुमार माइती द्वारा समर्थित प्रस्ताव के माध्यम से उपस्थित सदस्यों ने यह प्रस्ताव पारित की कि वर्तमान में ठेकों में श्रमिकों की भर्ती को लेकर आये दिन प्रबंधन और श्रम संगठनों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और इसका मुख्य वजह प्रबंधन के कुछ अधिकारीयों द्वारा कथित रूप से पैसे लेकर श्रमिकों की भर्ती में दखल देना है। इसके अलावा ठेका श्रमिकों को ठेकेदार अथवा प्रिंसिपल एम्प्लायर द्वारा अन्य मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा जाता है। अतः ठेका श्रमिकों के हितार्थ संघ यह प्रस्ताव पारित करता है कि १० वर्ष या उससे अधिक समय से ठेका श्रमिक के रूप में कार्यराय सभी ठेका श्रमिकों का नियमितीकरण/विभागीयकरण किया जावे और प्रबंधन के अधिकारीयों द्वारा ठेकों में श्रमिकों की भर्ती हेतु किये जाने वाले धांधली को तत्काल बंद किया जावे।
(३) आज बीएसपी प्रबंधन द्वारा कर्मियों की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए उत्पादन लिया जा रहा है। एलटीसी के छुट्टी पर रहने वाले कर्मियों को जबरदस्ती बुलाकर कार्य कराया जाना, अनधिकृत रूप से नार्मल कार्यावधि से अधिक कार्य कराने या साप्ताहिक अवकाश के दिन उत्पादन के दृष्टिकोण से कर्मियों को कार्य पर बुलाना लेकिन उसके बदले में कर्मियों को अवैध तरीके से प्रतिपूरक छुट्टी देना जिसमे कर्मी कागज पर तो ड्यूटी करता है लेकिन वास्तविकता में वह कार्यस्थल पर नहीं रहता है जैसे गलत और अवैध तरीके अपनाये जाते है। अधिकारीयों को अपने स्वयं के लिए 3-5 वर्ष पुरानी गाड़ी चाहिए, उत्पादन के लिए सात वर्ष पुरानी टिप्पर्स चाहिए लेकिन कर्मियों के परिवहन हेतु सर्वे ऑफ गाड़ियां का उपयोग, चालीस वर्ष पुराने और अनफिट गाड़ियों का उपयोग, ब्लास्टिंग के बाद माइंस एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप मिसफायर चेक न करना, आदि आदि ऐसे कई दृश्टान्त हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि कर्मियों के जान को खतरे में डालकर उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है जिसका संघ निंदा करता है और इस प्रस्ताव के माध्यम से बीएसपी एवं अन्य सरकारी एजेंसिओं के समक्ष रखकर इसके निराकरण के लिए प्रयास करने का संकल्प लेता है। उक्त प्रस्ताव श्री लखन लाल चौधरी द्वारा रखा गया जिसका समर्थन श्री राजेंद्र राजपूत द्वारा किया गया।

(४) ओ.पी.सोनी द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया कि जब खदान प्रबंधन डीजीएमएस के द्वारा ठेका श्रमिकों के लिए किये गए सिफारिश के पालन में तत्परता दिखता है तो यही प्रबंधन और दीजीएम्से के अधिकारी केंद्र सरकार के द्वारा निर्मित्त माइंस रूल 1955 के रूल 46 के पालन करने और कराने में क्यों कोताही बरतते हैं? अतः संघ इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाते हुए इसके निरकारण हेतु हर संभव प्रयास करेगा। इस प्रस्ताव का समर्थन श्री उमेश कुमार मिश्रा द्वारा किया गया।
(५) इस प्रस्ताव के माध्यम से महारत्न सेल के इकाइयों में अधिकारीयों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघ ने बिगुल फूंकते हुए प्रस्ताव पारित किया कि खदानों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं इसे करने वाले अधिकारीयों को चिन्हांकित किया जावेगा और सूचना के अधिकार का उपयोग कर सबूत जमा किया जावेगा और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों के विरुद्ध शिकायत पर अगर स्थानीय/बीएसपी/सेल प्रबंधन कोई कारवाई नहीं करता है तो संघ इसके विरुद्ध पुलिस ठाणे में एफआईआर करने हेतु आवेदन डालेगा और जरूरत पड़ने पर मामले को सक्षम न्यायलय मके समक्ष रखते हुए ठेकों की जांच और दोषी अधिकारीयों पर दंडात्मक कारवाई करने की भी मांग करेगा। उक्त प्रस्ताव एमपीसिंह द्वारा रखा गया जिसका समर्थन सतीश पांडेय द्वारा किया गया।
तत्पश्चात पुराणी कमिटी को भांग करने की घोषणा की गयी और चुनाव अधिकारी राधेश्याम जायसवाल द्वारा नए कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया पूर्ण की गयी। नव निर्वाचित केंद्रीय पदाधिकारियों के नाम इस प्रकार से हैं –

(1) अध्यक्ष (केंद्रीय) – एम.पी.सिंह – दल्ली राजहरा। (2) कार्यकारी अध्यक्ष – पवन कुमार वर्मा (हिर्री) एवं शिव कुमार साहू (नंदिनी)
(3) उपाध्यक्ष – किशोर कुमार माइती, संजय यादव, राजीव सिंह, कृष्ण मस्की, नागेश जैन, बी.पी.कश्यप (सभी राजहरा), एल.एन.साहू, हिम्मत सिंह रंधावा (नंदिनी), पृथ्वी सहगल (हिर्री), (4) महामंत्री – उमेश कुमार मिश्रा (नंदिनी), (5) उप महासचिव/उपमहामंत्री – लखन लाल चौधरी (राजहरा), एवं अजय कुमार नामदेव (हिर्री), (6) सचिव (मंत्री) – ओ.पी.सोनी, विनोद कुमार आर्डे, अजित मल्लिक, नीलेश कुमार, राजेंद्र राजपूत, शिव कुमार नायक ( सभी राजहरा), प्रमोद सिंह (हिर्री) , राम सुजान कोरी, सुरेश कुमार ध्रुव (नंदिनी) (7) कोषाध्यक्ष – संतोष कुमार देवांगन (राजहरा)। नए कार्यकारिणी गठन के उपरान्त श्री राधेश्याम जायसवाल ने नवगठित कार्यकारिणी को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि नए कार्यकारिणी के मार्ग दर्शन में भा.म.सं. के रीती निति के तहत कर्मियों और श्रमिकों के हित के लिए संघ निरंतर प्रयासरत रहेगा और सफलता प्राप्त करेगा। कार्यक्रम के अंत भारतीय मजदूर संघ के राजहरा शाखा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बी पी कश्यप का शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया।
