आंध्र के कमलूर में बंधक आदिवासी बेटियों की घर वापसी

0
614

सुकमा। नारायणपुर जिले के कई गांव की बेटियां आंधप्रदेश के कमलूर जिले के एक गाँव मे लगभग 1 माह तक ठेकेदार के चंगुल में फंसी रही ,भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष दीपिका शोरी एवं प्रधानमंत्री जनकल्याण कारी योजना जागरुकता अभियान के जिला अध्यक्ष के संयुक्त प्रयास से सभी बंधक मजदूर सोमवार को छड्डाीसगढ़ के कोंटा पहुंची जहां दीपिका एवं विजय के साथ स्थानीय युवको ने इन्हें खाना पीना खिलाकर नारायणपुर रवाना किया । मिली जानकारी के अनुसार नारायणपुर जिले के कोरेन्डा गाँव के लेखन पिता सुकमा बड्डे, कलेपाल की सनिता पिता सुखराम पोटाई, बेनूर पुसलपारा की मसी पिता बुधराम कचलम, गोंगला के बुजुर्ग वते पिता कानसिंह कचलाम एवं फूलमती मानकू,बंचपेई की शांति पिता धाकडराम को चिंतूर के बाशा नामक होटल संचालक ने अपने घर मे भवन निर्माण का कार्य कहकर बुलाया परन्तु जब ये लड़कियां दो पुरुषों के साथ बाशा के घर चिंतूर पहुंची तो बाशा ने उन्हें भद्राचलम में काम है कहकर गाड़ी में बिठाकर सीधे विजयवाड़ा होते हुए कमलूर जिले के सन्तोषीनगर ले गया एवं वहां इन्हें किसी ठेकेदार के हांथों सौप कर वापस आ गया उनके वहां पहुंचते ही ठेकेदार ने इनसभी का शोषण प्रार्भ कर दिया सुबह 3 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक कार्य करवाया जाता जिससे ये सभी बहुत परेशाम हो गए आधार व मोबाइल ठेकेदार के द्वारा ज?त कर लिया गया था। इन सभी मजदूरों के मोबाइल एवं आधारकार्ड ठेकेदार के द्वारा ज?त कर लिया गया था जिसके कारण ये लोग किसी से भी स्पर्क करने में असमर्थ थे।

स्थानीय पुलिस ने किया था सहयोग करने से मना इन सभी मजदूरों ने बताया कि इनके प्रताडऩा से तंग आकर हम लोगों ने स्थानीय पुलिस थामा सन्तोषी नगर में जाकर अपनी परेशानी बताई परन्तु उन्होंने किसी भी प्रकार से हमारा कोई सहयोग नहीं किया जिसके कारण मजबूर होकर हमे वहीं शरण लेना पड़ा महिलाओं से की छेडख़ानी एवं लज्जाभंग करने का प्रयास इन महिलाओं ने बताया कि कार्य करने के बाद रात में हम छत पर सोते थे परन्तु ठेकेदार के द्वारा हमसे छेडख़ानी की जाती थी और गलत काम करने का प्रयास भी किया जब हम सहमत नहीं हुए तो हमारे साथ मारपीट भी की गई इसके बाद डरकर हम सब एक दूसरे के साथ साथ सोते थे अधिवक्ता दीपिका शोरी (प्रदेश उपाध्यक्ष भाजयुमो छत्तीसगढ़)–इन सभी मजदूरों के विषय मे जानकारी मिलते ही यह मामला एसपी नारायणपुर के संज्ञान लाकर सभी को सकुशल वापस छत्तीसगढ़ लाया गया,ये मानव तस्करी के श्रेणी के अंर्तगत आता है जो कि गैरकानूनी है और आदिवासी बालिकाओं को बंधक बनाकर रखा गया उनसे मारपीट कर अमानवीय एवं रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया जो कि शारीरिक शोषण करने के उद्देश्य से किया गया था ऐसे कितने ही मामले हैं जो हमारे संज्ञान में नहीं है शासन को तत्काल सर्वे ऐसे लोगों की वापसी हेतु अभियान शुरू करना चाहिए एवं बिना कलेक्टर व एसपी के अनुमति व शासकीय रजिस्ट्रेशन के आदिवासी बालिकाओं का अन्य राज्यों में पलायन बन्द किया जाना चाहिए साथ ही अंतरराज्यीय स्तर पर चलने वाली बसों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाना चाहिए जिससे आदिवासी बालिकाओं का शोषण बन्द हो सके। पी.विजय(जिला अध्यक्ष प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरुकता अभियान सुकमा )– मुझे इन आदिवासी बालिकाओं के साथ कुछ पुरुषों को करनूर के सन्तोषीनगर में बंधक बनाए जाने की व इनके आधार व मोबाइल छीनकर मारपीट करने की जानकारी मिली थी मैंने नारायणपुर एसपी साहब उदय किरण से बात कर उन्हें राहत पहुंचाई । उदय किरण (एसपी नारायणपुर) इस विषय में मुझे सूचना मिली थी मैंने एसपी करनूर सुधीर कुमार रेड्डी से बात कर नारायणपुर के इन सभी मजदूरों छत्ताीसगढ़ वापसी की व्यवस्था करवाई।