रसोईगैस इंधनों में केन्द्र टैक्स से राज्य शासन का टैक्स कई गुणा ज्यादाः सांसद प्रतिनिधि

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कांग्रेसियों को पता करना चाहिए महंगाई के लिए कौन सी सरकार जिम्मेदारः ध्रुवे

आवास योजना हितग्राही मटेरियल दुकानदारों का बन रहे कोपभंजन

दल्लीराजहरा/डौण्डी,24 अक्टूबर । सांसद प्रतिनिधि विक्रम ध्रुवे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए प्रश्न पुछते हुए कहा की महंगाई व इंधनों और रसोई गैस को लेकर आये दिन केन्द्र सरकार के खिलाफ कांग्रेसियों द्वारा धरना प्रदर्शन कर गलत बयानबाजी कर केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री को बदनाम करने पर तुली हुई है उन्होने कहा की कांग्रेसियों को पहले यह पता कर लेना चाहिए की जो पेट्रोल व डीजल रसोई गैस जनता तक पहुंच रही है उसमें केन्द्र सरकार के टैक्स से राज्य सरकार का टैक्स कई गुना ज्यादा होता है, जैसे रसोई गैस की डिफॉल्ट कीमत 495 रूपये हैं उसमें केन्द्र शासन 24.75 रू टैक्स लगाती है वही राज्य शासन 291.36 रूपये टैक्स लगाती है जिससे गैस की कीमत लोगों तक पहुंच कर 900 से ऊपर पड़ता है। इसी प्रकार पेट्रोल डीजल में बेसिक रेट 35.50

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पैसे है इन इंधनों में केन्द्र सरकार का टैक्स होता है, 19.50 प्रतिशत वही राज्य सरकारे 41.55 प्रतिशत का टैक्स लगाती है जिससे यह इंधन जनता तक 100 रूपये से ज्यादा में आज मिल रहा है उन्होने सभी पेट्रोल पंप वालों से आग्रह करते हुए कहा की जनता के जानकारी के लिए सभी पंपों में केन्द्र व राज्य सरकार के टैक्सों व परिवहन वितरक खर्च के साथ सम्पूर्ण कीमत का बोड लगाना चाहिए जिससे जनता को भी पता चले की कौन सी सरकार जनता पर टैक्स का आर्थिक भार डाल कर अपना खजाना भर रही है। साथ ही प्रदेश से लेकर देश के कांग्रेसियों को भी यह जानकारी होना चाहिए की रसोई गैस पेट्रोल डीजल के वृद्धि के लिए कौन सी सरकार जिम्मेदार है उन्होने विज्ञप्ति के माध्यम से आगे कहा की आज प्रदेश के शहर एवं ग्रामों में जितने भी विकास कार्य हो रहे हैं। केन्द्र की योजनाओं की राशि से हो रही है जब प्रदेश सरकार ठीक तरह से इन योजनाओं को धरातल में क्रियान्वयन नहीं कर पाती है तब केन्द्र सरकार का रोना

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रोकर जनता को भ्रमित करने में लग जाती है साथ ही ध्रुवे ने यह भी कहा की प्रदेश शासन अपने वाहवाही के लिए जनहित में घोषणा तो कर देती है पर जब उसे धरातल में फलिभूत करने का समय आता है तो बहानेबाजी पर उतारू हो जाती है। केन्द्र के समस्त योजनाओं का केन्द्र सरकार के राशि भेजने के बाद भी उस योजना की राशि हितग्राहियों तक नहीं पहुंचता है उसका सबसे बड़ा उदाहरण आवास योजना के हितग्राहियों का सालों हो गये उनका आवास बन भी गया सारी प्रशासनिक प्रक्रिया होने के बाद भी राशि अभी तक राज्य सरकार उनके खाते में नही डाले हैं। हितग्राही मटेरियल दुकानदारों का कोपभजन बन रहे हैं आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं जिसे जनता समझ भी रही और देख भी रही है जिसका जवाब प्रदेश की 2023 के आम चुनाव में देने के लिए जनता तैयार बैठी है।

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