डीजीपी के तबादले पर प्रदेश भाजपा की प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चूका है यहाँ पर गृहमंत्री कौन है किसके आधार पर यहाँ कानून व्यवस्था संचालित हो रही है इस बात का किसी को कोई संज्ञान नहीं है | भारतीय जनता पार्टी ने कई बार राज्य सरकार को समय रहते चेताया कि शराब माफिया, कोल माफिया, भू माफिया, सेंड माफिया, लैंड माफिया जिस तरह से लगातार सक्रीय है और जिस प्रकार से सरकार का संरक्षण उनको प्राप्त है लेकिन प्रदेश सरकार भारतीय जनता पार्टी की एक बात नहीं सुनी | आज डीजीपी को बदला गया है यह इस बात को साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी ने जो बाते कही थी वह सच निकली | प्रदेश सरकार ने तो केवल डीजीपी को बदला है किन्तु कानून की व्यवस्था सरकार के हाथ में है सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद करें अन्यथा जिस तरह से एनसीवी की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ का स्थान ऊपर की ओर जा रहा है और लगातार जो अपराध की घटनाएँ बढ़ रही है ये हमारे प्रदेश के लिए शर्मनाक स्थिति है इस बात को कांग्रेस की सरकार को देखना चाहिए और इसे व्यवस्थित करना चाहिए |
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कश्यप ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिस तरह तस्करों और मजहबी आतंकियों आदि का आतंक प्रदेश में बढ़ा है, वह गंभीर चिंता का विषय है। छत्तीसगढ़ में ऐसी-ऐसी घटनाएं हो रही हैं जैसा इससे पहले कभी देखा नहीं गया। प्रदेश में हम ऐसी घटनाओं की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम ब्यूरो के 2020 के आंकड़े की बात करें तो छत्तीसगढ़ आज किशोरों द्वारा किये अपराध, पुलिसकर्मियों की ह्त्या में पहले स्थान पर, तो आदिवासियों के नाबालिग बच्चों के बलात्कार के मामले में, बुजुर्गों के खिलाफ अपराध आदि में दूसरे स्थान पर आ गया है। ह्त्या में तीसरे स्थान पर, प्रदेश में दो वर्ष में 26 सौ अपहरण और 6 हजार से अधिक नाबालिगों के लापता होने के प्रकरण दर्ज हैं। सदन के पिछले सत्र में मिली जानकारी के अनुसार ही मात्र डेढ़ वर्ष में महिलाओं के खिलाफ दुराचार और गैंगरेप 6 हजार 5 सौ से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। यानी केवल दर्ज मामले के अनुसार ही रोज बलात्कार के 12 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। यह केवल दर्ज आंकड़ें हैं, जिन्हें दर्ज नहीं किये गए वे कितने होंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कश्यप ने कहा कि इन तमाम विफलताओं की जिम्मेदारी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की है। घोड़ा बदल देने से कुछ नहीं होगा, या तो बघेल घोड़े की सवारी सीख लें या घुड़सवार को बदल देना ही विकल्प है। बिगड़ते कानून-व्यवस्था और दंगों जैसे हालात उत्त्पन्न कर देने के लिए मुख्यमंत्री आत्मचिंतन करें और देश भर में राजनीतिक शिगूफेबाजी करना छोड़ कर प्रदेश के काम-काज पर ध्यान दें।