अमेज़न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर संचालित अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने एवं जीएसटी वृद्धि को वापस लिए जाने राजहरा व्यापारी संघ द्वारा एसडीएम कार्यालय में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

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दल्लीराजहरा – अमेज़न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर संचालित अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने एवं जीएसटी कौंसिल में 5% से 12% जीएसटी वृद्धि को वापस लिए जाने राजहरा व्यापारी संघ द्वारा एसडीएम कार्यालय में  प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया |

राजहरा व्यापारी संघ ने बताया कि हम आपका ध्यान देश की सुरक्षा से जुड़े  बेहद संवेदनशील और महतवपूर्ण मुद्दों में से एक की ओर आकर्षित करना चाहते हैं जो इन दिनों सुर्खियों में है, दरअसल ये मामला यूएस की कंपनी अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से गाँजा  जैसे नशीले पदार्थों  की खुलेआम बिक्री  का है, जिसका खुलासा मध्य प्रदेश की बेहद प्रतिभाशाली पुलिस टीम ने हाल ही में किया है।  इसी क्रम में भिंड जिले की मध्य प्रदेश पुलिस ने दिनांक 20.11.2021 को एक और ऑपरेशन किया जहां से और 17 किलो गांजा बरामद किया गया जिसे अमेज़न ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से बेचा गया था. एक अन्य छापेमारी में मप्र पुलिस की सूचना के आधार पर विशाखापत्तनम पुलिस ने 48 किलो गांजा जब्त किये जिसको  अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए बेचा गया था । मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में अमेजन के कार्यकारी निदेशकों को आरोपी बनाया है।

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आश्चर्यजनक रूप से, यह भी पता चला कि आतंकवादी संगठनों द्वारा बम बनाने के लिए आवश्यक रसायन भी अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स पोर्टल से प्राप्त किए गए थे, जिनका उपयोग पुलवामा हमले में किया गया था जिसमे हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शाहिद हो गए थे। यह भी पता चला है कि अमेज़ॅन ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए कुछ रसायनों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था बावजूद इसके प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री अमेज़न के ई पोर्टल पर जारी है।

हमें आपको यह जानकारी देते  हुए अत्यधिक खेद हो रहा है कि पर्याप्त सबूत होने  और इतने स्पष्ट मामले के बावजूद, अब तक इस कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो इस तरह की सभी अवैध गतिविधियों में शामिल है। यह संबंधित कानूनों का स्पष्ट उपहास है। चूंकि गाँजा और प्रतिबंधित वस्तुएं ई-कॉमर्स के माध्यम से बेची जा रही हैं, इससे हम यह सोचने को मजबूर है कि भारत में अब अपनी व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करने वाले ई-कॉमर्स पोर्टल पर विभिन्न अन्य अवैध गतिविधियां या राष्ट्र विरोधी गतिविधियां भी चलाई जा सकती  हैं।

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आपकी जानकारी में यह भी लाया जाना आवश्यक है कि इन ई-कॉमर्स कम्पनियों की वर्तमान व्यावसायिक प्रथाएं बड़ी मात्रा में कर चोरी में लिप्त हैं और इससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को जीएसटी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।इस विषय पर मंत्रालय का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद, वित्त मंत्रालय द्वारा इस तरह की चोरी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार एफडीआई नीति और नियमों का उल्लंघन कर रही हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने उल्लंघन की जांच करने के लिए कोई पहल नहीं की है, तो कोई कार्रवाई करने की उम्मीद करना ही बेकार है। हमें आश्चर्य है कि आपके नेतृत्व में, प्रशासनिक व्यवस्था ऐसे गंभीर मुद्दों के प्रति ऐसे नीरस दृष्टिकोण नजरिया कैसे दिख सकती  है, जिसका देश की सुरक्षा और भारत के खुदरा व्यापार पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है।

हम इस मामले में आपके तत्काल सीधे हस्तक्षेप करने के  लिये अनुरोध करने को मजबूर हुए है और आपसे आग्रह करते है कि संबंधित अमेज़ॅन के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और अमेज़ॅन के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का जल्द निर्देश दिया जाय। अमेज़न जैसी कंपनियों के साथ कोई असाधारण और लचीला व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

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राजहरा व्यापारी संघ द्वारा ज्ञापन में अनुरोध किया हैं कि आप उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को लंबे समय से लंबित ई-कॉमर्स नियमों को अधिसूचित करने और वाणिज्य मंत्रालय को ई-कॉमर्स नीति जारी करने और  एफडीआई नीति के प्रेस नोट 2  की जगह एक नया प्रेस नोट जारी करने का निर्देश दें।

एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन प्रेषित करने समय राजहरा व्यापारी संघ के महामंत्री क्रांति जैन,उपाध्यक्ष आलोक जैन,बालोद जिला चेम्बर उपाध्यक्ष स्वाधीन जैन,चेम्बर ऑफ कॉमर्स इकाई दल्ली राजहरा के अध्यक्ष शंकर कुकरेजा,झूमर लाल छाजेड़, महामंत्री राजा डहरवाल,विमल बुरड़,उत्तम जैन,अर्पित जैन,संकेत जैन,आदि सदस्य उपस्थित थे।

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