सम्यक बौद्ध महासभा दल्लीराजहरा द्वारा 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया गया

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दल्लीराजहरा – भारतीय संविधान के निर्माता परम पूज्य बोधिसत्व भारतरत्न डॉ बाबा साहब आम्बेडकर को कोटि – कोटि नमन देश के उन तमाम वीर शहीदों, आज़ादी के नायकों और संविधान निर्माण में अपनी आहुति देने वालों को विनम्र श्रद्धांजलि व नमन | सर्वप्रथम भगवान बुद्ध को नमन करते हुए सम्यक बौद्ध महासभा दल्लीराजहरा द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया |

सम्यक बौद्ध समाज के प्रबुद्धजनों द्वारा समाज में उपस्थित लोगों के समक्ष डॉ बाबा साहब आम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान के सम्बन्ध में प्रकाश डाला गया कि हमारा संविधान सम्पूर्ण विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान क्यों है, क्यों हमें इसका अध्ययन करना चाहिए, संविधान बनाने का मूल उद्देश्य क्या था और किस प्रकार बना |   

विश्व की सबसे समृद्ध और सर्वाधिक व्यापक है भारतीय संविधान; यह प्रत्येक भारतीयों के लिये पठनीय और पूज्यनीय है | संविधान ही ऐसा धर्मग्रंथ है जो किसी भी धर्म से लाखों गुणा अधिक अधिकार देता है। इसलिये ये पठनीय और पूज्यनीय है।

साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। 

26 नवम्बर 2021 का दिन बहुत ही विशेष है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सम्पूर्ण विश्व को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया |

बाबा साहब ने भारत के प्रत्येक नागरिक को स्वाभिमान की जिंदगी देने के लिए सर्वश्रेष्ठ संविधान दिया | संविधान का देश के प्रत्येक नागरिक को इसका ज्ञान होना चाहिए बाबा साहब आम्बेडकर द्वारा निर्मित भारत का संविधान इतना विस्तृत है कि इसे देश के समस्त लोगों को इसका अध्ययन करना चाहिए |

भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। हर भारतीय नागरिक के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 

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कार्यक्रम के अंत में समाज में उपस्थित समस्त लोगों को संविधान के प्रति शपथ दिलाई गई |

सम्यक बौद्ध महासभा दल्लीराजहरा द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाये गए कार्यक्रम में विशेष रूप से समाज के संरक्षक बाबूलाल बौद्ध, गोवेर्धन रंगारी, एस आर कांडे, गोरेलाल बाम्बेश्वर, अध्यक्ष अशोक बाम्बेश्वर, सचिव दिलीप सुखदेवे, महिला मण्डल की अध्यक्षा चन्द्रलेखा नांदेश्वर एवं समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे |      

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