बस्तर के आदिवासियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही राज्य सरकार, सिलगेर घटना में मुआवजा से पहले हो न्यायिक जांच – अमित
जगदलपुर
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के प्रदेश अध्यक्ष ने आज अपने बस्तर प्रवास के दौरान कई मुद्दों पर स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने एनएमडीसी से लेकर सिलगेर जैसे ज्वलंत मुद्दों पर राज्य शासन को घेरा और कहा कि राज्य सरकार बस्तर के आदिवासियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है. उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर किये गए हमले एवं कई किसानों की मौत पर राज्य सरकार द्वारा 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा पर कहा कि राज्य सरकार राजनैतिक घोषणाएं अन्य प्रदेश में जाकर तो करती है किन्तु छत्तीसगढ़ में बस्तर के सिलगेर घटना में पुलिस की गोली से मारे गए आदिवासियों को अब तक मुआवजा देने एवं न्यायिक जांच की घोषणा नहीं की है. उन्होंने भाजपा शासनकाल के दौरान भी ऐसी कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार न्यायिक जांच हेतु कमिटी अवश्य बनाती थी किन्तु इस सरकार ने अब तक इस प्रकार की कोई कमिटी नहीं बनाकर आदिवासियों के प्रति केवल झूठी हमदर्दी दिखाने का ही प्रयास किया है. वहीँ, सिलगेर घटनाक्रम में मारे गए आदिवासियों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा देने किन्तु मृतक के परिजनों द्व्रारा मुआवजा नहीं लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुआवजा से पहले न्यायिक जांच होनी चाहिए, मुआवजा तो बाद की प्रक्रिया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के साथ भय एवं शोषण की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि सिलगेर का घटना स्थल जब सुकमा जिले के अंतर्गत आता है तब बीजापुर पुलिस, उस क्षेत्र में जाकर क्यों कार्यवाई की?
प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने पोलावरम के मुद्दे पर उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री से चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि कुछ महीनों के बाद जब डैम पूर्ण रूप से तैयार हो जायेगा तब सुकमा-कोंटा क्षेत्र के निवासियों एवं किसानों को शबरी नदी के बाढ़ से बचने का कोई उपाय नहीं रहेगा. उन्होंने वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा कि नक्सली आरोपी के झूठे मामलों में जेल में बंद हजारों आदिवासियों पर से मामले हटा दिए जावेंगे किन्तु उनकी यह घोषणा मात्र छलावा प्रतीत हो रही है. अब भी जगदलपुर के केन्द्रीय जेल में 18 वर्ष से कम उम्र के हजारों युवक नक्सली मामलों में जेल में बंद हैं.
नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना का श्रेय अपने पिता स्व. अजित जोगी को देते हुए कहा कि उन्होंने बस्तर का लोहा बस्तर में ही गले एवं बस्तरवासियों के रोजगार के लिए स्टील प्लांट का निर्माण हो, किन्तु एनएमडीसी द्वारा नगरनार क्षेत्र में प्लांट का निर्माण तो कराया गया लेकिन केंद्र सरकार इसका निजीकरण करने जा रही है, जिसका पार्टी विरोध करती है. एनएमडीसी ही स्टील प्लांट का सञ्चालन करे. उन्होंने एनएमडीसी के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि उनके द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले सम्पूर्ण लौह खदान क्षेत्र में ठेका पद्दति से काम नहीं होना चाहिए बल्कि मूल बस्तरवासियों को यहाँ नौकरी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. साथ ही तृणमूल कांग्रेस के साथ जेसीसी के गठबंधन की कोई सम्भावना नहीं है.
अमित ने कहा कि कोंडागांव जिले के साथ ही साथ नव-निर्मित जिलों में जिला न्यायालय की स्थापना तत्काल की जानी चाहिए ताकि उस जिले के निवासियों को मामलों की सुनवाई के लिए दूर जाना न पड़े. साथ ही साथ जगदलपुर में हाई-कोर्ट का बेच व जगदलपुर को उप-राजधानी घोषित करने की मांग राज्य शासन से की है. पासपोर्ट कार्यालय को तत्काल प्रारंभ करने की मांग भी उन्होंने की है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़िया सेबले बढ़िया के आधार पर वे अगले चुनाव में सभी 90 विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने सामने आयेंगे.