एनएमडीसी में कर्मचारियों ने मनाया जश्न, हिंदुस्तान के दुसरे सबसे बड़े कोक ओवन का हुआ उद्घाटन

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नगरनार की ब्लास्ट फर्नेस है हिंदुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी फर्नेस – रफ़ीक

किसी भी स्टील प्लांट को शुरू करने का पहला कदम होता है कोक ओवन को शुरू करना – मीडिया प्रभारी

जगदलपुर/नगरनार

तक़रीबन 23 हज़ार करोड़ की लागत से बनने वाले नगरनार स्टील प्लांट में कर्मचारियों की मौजूदगी में गुरुवार को कोक ओवन क्र. एक का उद्घाटन किया गया. 2000 करोड़ की लागत से बने इस कोक ओवन के कर्मचारियों में इसके उद्घाटन के समय उत्साह देखने को मिला. ओवन के गर्म होने के बाद यहाँ कोक का उत्पादन शुरू हो जायेगा, पूर्ण रूप से गर्म होने के लिए चिमनी को तक़रीबन 3 माह का समय लगेगा.

बस्तर जिले के एकमात्र बहुप्रतीक्षित औद्योगिक इकाई के उक्त ओवन में पूजा-अर्चना कर विधि-विधान से इसकी हीटिंग शुरू की गयी. इस कोक ओवन कॉम्प्लेक्स के शुरू होने से क्षेत्र में सहायक उद्योगों की सम्भावना अब बढ़ गयी है. बता दें कि कोक ओवन से निकलने वाली गैस का उपयोग प्लांट में ही हो जाता है जबकि अमोनियम सल्फेट, कच्चा टार, सल्फर, नेफ्था और बेंजोल जैसे अन्य उप-तत्वों से छोटे और मंझले उद्योग क्षेत्र में लगाये जा सकते हैं.

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क्या है कोक और उसका उपयोग

कोक कोयले से तैयार किया जानेवाला ठोस ईंधन है. सभी प्रकार के कोयले कोक के लिये उपयुक्त नहीं होते. जो कोयला गरम करने से कोमल हो जाए और फिर न्यूनाधिक ठोस पिंड में बदल जाए उसे कोक बनने वाला कोयला कहा जाता है. अच्छा कोक का बनना कोयले की कोशिकाओं, उसमें उपस्थित गंधक एवं राख की मात्रा, भट्ठी के ताप तथा अन्य परिस्थितियों आदि पर निर्भर करता है. कभी-कभी विभिन्न किस्म के कोयलों के मिलाकर गरम करने से अच्छा कोक बनता है.

कोक विभिन्न उद्देश्यों से बनाया जाता है. कुछ कोक धातुओं के निर्माण के लिये, कुछ गैसों के निर्माण के लिये और कुछ जलावन के लिये बनाए जाते है. पहले दो किस्म के कोको को कठोर कोक और तीसरे किस्म के कोक को अर्ध कोक या मृदु कोक कहते है. कठोर कोक कुछ भारी तथा सघन होता है. वह जल्द आग नहीं पकड़ता. इसका व्यवहार घरेलू ईंधन के लिये नहीं होता. यह प्रधानता धातुओं और गैसों के निर्माण में काम आता है. अर्ध कोक या मृदु कोक अपेक्षया हल्का होता है तथा शीघ्र आग पकड़ लेता है. कच्चे कोयले की अपेक्षा यह धुआं भी कम देता है. इस कारण घरेलू ईंधन के लिये यह अधिक उपयुक्त होता है.

जानकारी देते हुए प्लांट के मीडिया प्रभारी रफ़ीक अहमद ने बताया कि समूचे राज्य में नगरनार स्टील प्लांट जैसा विशाल चिमनी नहीं है. किसी भी स्टील प्लांट को शुरू करने का पहला कदम होता है कोक ओवन को शुरू करना. यहाँ का कोक ओवन 4530 क्यूबिक मीटर का है, और हिंदुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी ब्लास्ट फर्नेस है और छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ा फर्नेस है, जो की भिलाई स्टील प्लांट से भी बड़ी है. यहाँ की एक ब्लास्ट फर्नेस अकेली 3 मिलियन टन स्टील प्रति वर्ष बनाने में सक्षम है. स्टील प्लांट के अन्दर कर्मचारियों की मौजूदगी में गुरुवार को कोक ओवन का उद्घाटन किया गया. प्लांट की एक टुकड़ी का उद्घाटन कल ओवन को बनाने वाले कर्मचारियों के बीच किया गया. वर्तमान में किसी भी जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया गया है, मुख्य कार्यक्रम में न्योता दिया जायेगा.