एडवांचर फेस्टिवल को मिला अच्छा प्रतिसाद तीन दिवस एडवांचर फेस्टिवल के अंतिम दिवस भी जिले के सभी पर्यटन केंद्रों में पर्यटकों की लगी जमकर भीड

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पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने और पर्यटन को बढ़ावा मिलने से आय एवं ख्याति बढने की बढ़ी उम्मीद

भोंगापाल के भगवान बुद्ध एवं ऐतिहासिक शिवलिंग के दर्शन का लाभ उठाया पर्यटकों ने

केशकाल। प्रदेश एवं देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की सूची में अपनी खास पहिचान बना लेने वाले केशकाल के टाटामारी में आयोजित तीन दिवसीय एडवांचर फेस्टिवल के अंतिम दिवस रविवार को भी बहुत बड़ी तादात में लोग टाटामारी पहुंचकर प्रकृति के मनमोहक नजारा का आनंद उठाते हुए एडवांचर गेम्स का भी जमकर मजा उठाया। प्रदेश एवं देश के दूरदराज से पंहुचने हुए पर्यटकों ने केशकाल से महज 3किलोमीटर दूरी पर स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक दर्शनिक स्थल गढधनौरा गोबरहीन पंहुचकर ऊंचे टिले पर विराजमान भव्य शिवलिंग का दर्शन करते हुए लगभग 5वीं-6वींशताब्दी के नलवंशी नागवंशी जमाने के मंदिरों के भग्नावशेषों को देखते हुए अंचल के स्वर्णिंम इतिहास के सबूतों का अवलोकन किया।इसके सांथ ही हरे भरे नदी नाला जंगल पहाड़ के बीच कल कल छल छल की ध्वनि करते झरते झरनों का भी लुत्फ उठाया। अपने दर पर पंहुचने वालों को अचंभित करते प्रकृति के अद् भूत नजारा को निहारने का आनंद प्रदान करते हैरतअंगेज इतिहास एवं किंवदंती कहानी को समेटे और अति प्राचीन शैलचित्र को सहेजकर रखने वाले मांझीनगढ को भी देखने बड़ी संख्या में लोग पंहुचे।

टाटामारी में एडवांचर गेम्स का आनंद उठाया बालक

प्रकृतिप्रदत्त अनूठे उपहार एवं ऐतिहासिक धरोहरों की पवित्र पावन प्रसिद्ध स्थलियों के चलते और अपने बेजोड कलाकारी से देश दुनिया के लोगों को अपने घडवा कला शिल्प कला काष्ठ कला से मुग्ध कर देने वाले कारीगीरों के चलते बाहर से भ्रमंण पर्यटन के लिए कोंडागांव जिला आने वाले बहुत खुश होकर अल्हादकारी अविस्मरणीय सुखद स्मृतियों को समेटकर फिर आने की इच्छा संजोए लौटते हैं।कोंडागांव जिला के उत्तर में स्थित केशकाल की घाटी पंचवटी मांझीनगढ होनहेह नीमदरहा का जलप्रपात प्रकृति प्रेमी पर्यटकों को सम्मोहित कर लेता है तो केशकाल घाटी के बीच विराजित मां तेलीनसत्ती, गढधनौरा में प्रांणप्रतिष्ठित चमत्कारी शिवलिंग और जिले के मध्य में स्थित फरसगांव ब्लाक के बडेडोंगर में विराजित बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी आगंतुक श्रद्धालुओं को भक्ति भाव से भावविभोर कर पुलकित कर देती है।बडेडोंगर के चंद दूरी पर स्थित भोंगापाल में मिले प्राचीन बुद्ध की प्रतिमा एवं शिवलिंग आने वालों को बरबस यंहा के सभ्यता संस्कृति तथा इतिहास पर चिंतन मनन करने को उत्प्रेरीत कर देता है। एडवांचर फेस्टिवल में आने वाले पर्यटकों ने भोंगापाल एवं

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बडेडोंगर पहुंचकर दर्शन और पर्यटन के सांथ स्वर्णिंम इतिहास को आत्मसात कर रखे पुरावशेषों का अवलोकन किया। इसके सांथ ही बाहर से पंहुचे हुए पर्यटकों ने जिला मुख्यालय कोंडागांव पहुंचकर शहर के ह्रदय स्थल पर स्थित विशाल तालाब में बहुत सलीके से विकसीत किए गये उद्यान चौपाटी का भी मजा लिया और शिल्प ग्राम पंहुचकर अपने जादुई कारीगरी से पूरी दुनिया में अपने जौहर का लोहा मनवाकर विभिन्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले कारिगरों के शिल्प कला घडवा कला का अवलोकन किया और स्मृति बतौर खरीदकर सहेजकर भी ले गये ताकि अपने यंहा जाकर बता सके की हम जब बस्तर कोंडागांव गये थे तब वंहा से यह लाये थे। एडवांचर फेस्टिवल का मिलेगा दूरगामी लाभ- जिला प्रशासन कोंडागांव दर्शाया आयोजित तीन दिवसीय एडवांचर फेस्टिवल की मुक्त कंठ से सभी सराहना कर रहे हैं और सभी का यह मानना है की इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा रोजगार का अवसर मिलेगा स्थानिय लोगों को आय मिलेगा और देश दुनिया में अपने क्षेत्र का तथा जिले की ख्याति बढ़ेगी। जिले के युवा उर्जावान कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मिंणा की भी इस सफल सार्थक आयोजन के लिए लोग दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं।