महिला बाल विकास विभाग द्वारा सुपरवाइजर पद के लिए उम्र की बाध्यता समाप्त, अब 45 साल से अधिक उम्र के लोग भी कर सकेंगे आवेदन

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भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि महिला बाल विकास द्वारा सुपरवाइजर भर्ती के लिए निकाली गई विज्ञापन में सुपरवाइजर पद के लिए उम्र की सीमा 45 वर्ष रखी गई थी। परीक्षा से वंचित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जो उम्र की बाध्यता के कारण इसमें भाग नहीं ले सकते थे। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुपरवाइजर की भर्ती के लिए रखीं गई उम्र की बाध्यता को हटाने की मांग की थी जिस पर सुनवाई करते हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत देते हुए उन सभी को परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दे दिया है। अब याचिकाकर्ता 30/12/2021 तारिख जो परीक्षा में शामिल सम्मिलित होने फार्म भरने की अंतिम तिथि है उसमें आवेदन कर सकेंगे ।बता दें कि छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग में लंबे समय बाद भर्ती निकाली है ।राजधानी के इंद्रावती भवन से जारी आदेश के अनुसार विभाग में सुपरवाइजर (पर्यवेक्षक ) के200 पदों पर भर्ती की जाएगी ।इनमें से 100पदों पर सीधी भर्ती होगी ,यानी कोई भी महिला अभ्यर्थी जो इसके लिए पात्र होंगी वे आवेदन कर

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सकती हैं। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 3दिसमबर 2021 से शुरू हो गयी है ।इसमें याचिकाकर्ता हेमलता कंवर (पाली)जिला कोरबा के नाम से याचिका दायर की गयी और इसमें प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ संबद्ध भारतीय मजदूर संघ संगठन के पदाधिकारी प्रमुख रूप से रीता एक्का ,शोभा सिंहदेव ,आयशा खान ,अंजलीपटेल,विद्मा गुप्ता ,सुनीता ,कुमारी साहूं,श्यामता यादव,प्रतिभा सिंह ने अधिवक्ता अमरनाथ पांडेय और अधिवक्ता किशोर नारायण के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर कर कहा कि 200पदों में 100पद आरक्षित है ।इसमें ऐसे लोगों को ही लिया जाना है जिसके पास 10वर्ष का अनुभव हो और 45वर्ष तक कि आयु हो।जबकि याचिकाकर्ताओं ने 35 या 36 वर्ष की आयु में नौकरी ज्वाइन की ।इस हिसाब से उनकी उम्र 45 वर्ष से पार हो गयी ,पर 10 वर्ष का अनुभव है।सिर्फ उम्र 45 वर्ष से अधिक होने की वजह से परीक्षा से वंचित किया जाना गलत है । हेमलता कंवर के मामले की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान किया है जो भी बहने 10 वर्ष अनुभव प्राप्त कर चुकी है परंतु उनकी उम्र 45 साल से ऊपर हो गई है ।

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जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने हाईकोर्ट से मिली ईस राहत को भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की बहनों की बड़ी जीत बताया है और कहा कि यह सफलता हमारे संगठन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।सभी के सामूहिक प्रयास से हम ये सफलता प्राप्त कर सकें है। ईस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों को भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री नरोत्तम धृतलहरे, संगठन महामंत्री योगैशदत्त मिश्रा, स्टील के प्रभारी राधेश्याम जायसवाल का मार्गदर्शन मिलता रहा है। और ईस लड़ाई को लड़ने में प्रमुख रूप से अंजली पटेल राष्ट्रीय महामंत्री आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ, रीता एक्का प्रदेश अध्यक्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ , शोभा सिंह देव अध्यक्ष प्रदेश भारतीय मजदूर संघ, आयशा खान जिला अध्यक्ष बालोद जिला,सुमन कोर्राम की भूमिका प्रमुख रही है।

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