50 लाख के अल्पकालीन निविदा आमंत्रण को आखिर किसके इशारे पर निरस्त किया गया

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कोविड-19 से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कार्य को पूरे कराने निविदा आमंत्रण किया गया था

जगदलपुर।कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर प्रशासन कई प्रकार की व्यवस्था को अंजाम दे रही है जिससे, कि इस संक्रमण के फैलने के पूर्व ही इससे निपटने की व्यवस्था हो सके। जिला प्रशासन ने विभिन्न मदों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के समस्त क्षेत्रों में जरुरी सुविधा के सामान एकत्र करने के आदेश सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं लेकिन, प्रशासन की व्यवस्थाओं के दौर में लोक निर्माण विभाग क्रमांक – एक के अधिकारी किस प्रकार से आपदा समयकाल को अवसर में भुनाने की चेष्टा कर रहे हैं यह पिछले 6 जनवरी 2022 को निकले अल्पकालीन निविदा में देखने से मिलता है।

कार्यालय, कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग (भवन-सड़क) उत्तर बस्तर ने 50 लाख रुपये की निविदा जगदलपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज (गर्ल्स) में कोविड-19 एसआरएमओडब्लू एवं जमा मद से कार्य कराने हेतु निकाली, इसके माध्यम से गर्ल्स कॉलेज के भवन एवं अन्य  जगहों पर शौचालयों की मरम्मत की जानी थी। इस निविदा क्रमांक टी-0143 के अनुसार, 14 जनवरी 2022 को इस कार्यालय से उक्त निविदा हेतु आवेदन प्रपत्र दिए जाने कि अंतिम तिथि थी। साथ ही साथ, यह भी उल्लेखित था कि ऑनलाइन माध्यम से डाउनलोड की गयी आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा। उक्त निविदा के आवेदन को लेने जब कई ठेकेदार, कार्यपालन अभियंता के दफ्तर पहुंचे तब सम्बंधित बाबु द्वारा उक्त आवेदन फार्म को देने में आनाकानी की गयी।

जब इस मामले में जानकारी प्राप्त की गयी तो मालूम हुआ कि इस निविदा को प्रभारी कार्यपालन अभियंता के कहने पर निरस्त कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण काल के मद्देनज़र कोविड-19 मद से अल्पकालीन निविदा निकालने के पश्चात आखिर किस उद्देश्य से निविदा आवेदन प्रपत्र निकालने के पश्चात आखिर किस उद्देश्य से निविदा आवेदन प्रपत्र प्राप्ति के अंतिम दिन ही निविदा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया, इस बाबत को लेकर कई ठेकेदारों के विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इनका कहना था कि प्रभारी कार्यपालन अभियंता दबाव में आकर अपने राजगुरु के चहेतों को काम दिला पाने में असमर्थ थे। उन्होंने इन्ही सब के कहने पर उक्त कदम उठाया है।

दूसरी ओर कुछ अन्य ठेकेदारों का कहना है कि वर्तमान में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन अभियंता अपने राजगुरु के आदेश पर कुछ अपने लोगों को ही हमेशा काम दिलाते हैं। हालाँकि, इसके पूर्व भी प्रभारी कार्यपालन अभियंता इन्ही कारणों से हटाये भी जा चुके हैं, किन्तु, वर्तमान में पदस्थ लोक निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता पुरानी बातों को ध्यान में नहीं रखते हुए लगातार अपने राजगुरु जैसे लोगों के इशारे पर नाटगुरु बनकर अन्य लोगों एवं विभाग के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। वर्तमान अल्पकालीन निविदा को कोविड-19 मद की राशि से निकाल कर उसे एन मौके पर निरस्त कर दिया गया, इससे साफ़-साफ़ सिद्ध होता है कि उक्त निविदा के कार्य पहले अपने चहेतों द्वारा करा लिया गया था, लेकिन, जैसे ही अन्य लोगों के माध्यम से इस निविदा को लेने दबाव बना तो मौके की नजाकत को देखकर इस निविदा को निरस्त कर दिया गया।

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