शासकीय वेबसाइट में छेड़छाड़ कर अधिकारी ने अपने आप को बनाया कोरोना पॉजिटिव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय में पदस्थ कोरोना विशेषज्ञ के कारनामे से लोगों में दहशत

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जगदलपुर – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (बस्तर) के आईडीएसपी शाखा में पदस्थ संविदा कर्मचारी दीपक पाणिग्राही जिसे कोरोना विशेषज्ञ के रूप में बतौर कोरोना संक्रमण सलाहकार पदस्थ किया गया है. विगत कई वर्षों से कोरोना सम्बन्धी सभी मामलों में सीएमओ की सलाह से जिला कलेक्टर को सभी विषयों पर जानकारी साझा करते हैं लेकिन, कुछ दिनों पूर्व उनके द्वारा आईडी आईसीएमआर पोर्टल में बनाकर फर्जी रिपोर्ट तैयार किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मचारी दीपक पाणिग्राही द्वारा आईसीएमआर पोर्टल में फर्जी आईडी बनाकर अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर उस आईडी में अपडेट किया गया जिससे वे किसी की भी रिपोर्ट नेगेटिव अथवा पॉजिटिव बताकर उसका फायदा उठा सकें. उक्त संविदा कर्मचारी चूँकि, स्वास्थ्य विभाग के आईडीएसपी शाखा में कार्यरत हैं इसलिए उसे आईडी बनाने की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त है. पिछले दिनों इसी अनुभव का फायदा उठाकर उसने महारानी अस्पताल में पदस्थ लैब तकनीशियन वीरेंद्र दहाड़े के आईडी को खोलकर अपना नंबर अपडेट किया एवं इस आईडी से अपने आपको कोरोना पॉजिटिव साबित कर दिया. लेकिन, जिस लैब तकनीशियन के नाम से आईडी है उसका कहना है कि मुझे इस विषय में कोई भी जानकारी नहीं है.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, किसी के द्वारा आईसीएमआर पोर्टल में फर्जी आईडी बनाकर रिपोर्ट बनाना भी कोविड-19 महामारी के समय में काफी गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. क्योंकि, सरकारी वेबसाइट पर ऐसा करना एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. इसी विभाग से जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि उक्त संविदा कर्मचारी अपने आप को इस आईडी द्वारा फर्जी तौर पर कोरोना पॉजिटिव साबित करने के बाद भी खुलेआम विभिन्न जगहों का दौरा कर रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग के कोरोना संक्रमण से जुड़े कई कर्मचारियों को दिशा-निर्देश भी देता आ रहा है.

वीरेंद्र दहाड़े जो महारानी अस्पताल में लैब तकनीशियन के पद पर पदस्थ हैं, ने बताया कि वे फ़रवरी 2021 से कोविड में काम नहीं कर रहा हूँ अत: मेरे नाम का दुरुपयोग किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर ऐसा हो रहा है तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जानी चाहिए. ऐसे लोग जो कर्मचारी हो या अधिकारी, अगर आपदा के समय ऐसे कारनामे करते हैं तो उनपर गंभीर मामला दर्ज कर कार्यवाई की जानी चाहिए.