बकरीद विशेष – इस्लाामिक कैलेंडर के आखिरी महीने मनाते हैं बकरीद

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Eid Al-Adha Bakrid 2020 :बकरीद मीठी ईद के ठीक दो महीने के बाद इस्‍लामिक कैलेंडर के सबसे आखिरी महीने की 10 तारीख को मनाई जाती है। इस बार बकरीद 1 अगस्‍त को मनाई जा रही है। पूरी दुनिया के मुसलमान इस महीने में पवित्र मक्का सऊदी अरब में एकत्रित होकर हज मनाते हैं। ईद उल अजहा भी इसी दिन मनाई जाती है। माना जा रहा है कि इस बार कोरोना के चलते हज को लेकर केवल कुछ ही लोगों का समूह हज यात्रा पर जाएगा। आइए जानते हैं मुसलमानों में क्‍यों और कैसे मनाते हैं बकरीद का त्‍योहार।

Bakrid 2020: इस बार कब मनाई जाएगी बकरीद और क्‍या है इतिहास व कुर्बानी का अर्थ

कैसे मनाई जाती हैं बकरीद?

बकरीद (Bakrid) के लिए मुसलमान अपने घर में लाड़-प्‍यार से पल रहे बकरे की कुर्बानी देते हैं। जिन लोगों के घर में बकरा नहीं होता है वे ईद से कुछ दिन पहले बाजार से बकारा खरीदकर उसे घर ले आते हैं और फिर बकरीद के दिन उसकी कुर्बानी देते हैं। उसके बाद बकरे के मीट को 3 हिस्‍सों में बांट दिया जाता है। पहला हिस्‍सा गरीब फकीरों में बांट दिया जाता है और दूसरा हिस्‍सा रिश्‍तेदारों को भिजवाया जाता है और तीसरा हिस्‍सा घर में पकाकर खाया जाता है।

क्‍यों मनाते हैं बकरीद

बकरीद को कुर्बानी के जज्‍बात को सलाम करने के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। अल्‍लाह की राह में पैगंबर मोहम्‍मद के पूर्वज इब्राहिम द्वारा दी गई कुर्बानी को याद करने के उपलक्ष्‍य में बकरीद मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इब्राहिम की इबादत से खुश होकर खुदा ने उनकी दुआओं को कुबूल किया और उसके बाद अल्लाह ने उनकी परीक्षा ली। इस परीक्षा में अल्लाह ने इब्राहिम से उनकी सबसे कीमती और प्यारी चीज की बली देने की मांग की।

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शैतान को पत्‍थर मारने की परंपरा

बकरीद (Bakrid) के मौके पर सऊदी अरब में स्थित मुसलमानों के पवित्र धार्मिक स्‍थल मक्‍का में शैतान को पत्‍थर मारने की परंपरा निभाई जाती है। मान्‍यता है कि जब हजरत इब्राहिम खुदा के लिए अपने बेटे को कुर्बान करने चले थे तो इस शैतान ने उन्‍हें अपनी राह से डिगाने की कोशिश की थी। इसलिए हजयात्रा के अंतिम दिन शैतान को पत्‍थर मारने की परंपरा है।