आज दिनांक 25 मार्च 2022 को राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अंतर्गत जिले के 20 स्कूलों को जहां पर बस्ताविहीन अर्थात व्यवसायिक शिक्षा चलाने की अनुमति शासन ने दी है उन शालाओं के बच्चों और शिक्षकों द्वारा व्यवसायिक शिक्षा में क्या-क्या बनाया गया है उसकी प्रदर्शनी जिला स्तर पर की गई जिसमें 20 शालाओं ने भाग लिया जिसमें विभिन्न प्रकार के सामग्री का निर्माण बच्चों ने अपने मास्टर ट्रेनर से सीख कर बनाया है उस की प्रदर्शनी लगी। इसे देखने हेतु बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, बेंजामिन प्राचार्य हायर सेकेंडरी भगत सिंह स्कूल, एवं प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सुषमा झा ने अवलोकन कर बच्चों को इस कार्य को आगे बढ़ाने एवं निरंतरता बनाए रखने का आशीर्वाद दिया, जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों द्वारा निर्मित विभिन्न सामग्रियों को राशि देकर भी खरीदा। इस संबंध में
जानकारी देते हुए एपीसी प्रशिक्षण समग्र शिक्षा जिला बस्तर गणेश तिवारी जी ने प्रत्येक स्कूल के प्रत्येक व्यवसाय के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया गया इस व्यवसाय में आचार, बड़ी, पापड़, मशरूम की खेती कैसे करें गोबर से लकड़ी कैसे स्थापित करें बच्चों को सिलाई कौशल के बारे में बांस के छोटे-छोटे खिलौने और उनके उपयोग कैसे किए जाते हैं उस पर भी निर्माण कार्य बताया गया। कुछ स्कूलों ने चिप्स निर्माण पर एवं केक बनाने की विधि पर भी अपनी बात रखी। एक मेले का माहौल था जहां पर सभी ने अपनी अच्छी कौशल का प्रदर्शन किया साथ ही 2 स्टाल पर जो बच्चों ने पेंटिंग के कार्य के लिए भगत सिंह का फोटो बनाकर रंगीन फोटो के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी को प्रदान किया। इस अवसर पर जिला मिशन समन्वयक अखिलेश मिश्रा जी भी उपस्थित रहे इन बच्चों के लिए स्वल्पाहार एवं चाय की व्यवस्था भी की गई थी। यह कार्यक्रम 2 घंटे का रहा जिसे सभी ने एक दूसरे के स्टाल में जाकर देखा कि हम अपने शालाओं में क्या बनाए हैं और दूसरों ने क्या बनाया है इसे जिला स्तर पर सभी ने सराहा।
इसी क्रम में अरविंदो सोसायटी द्वारा जिले के 44 शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन नवाचार किए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी महोदय, प्राचार्य गण, जिला मिशन समन्वय एवं एपीसी प्रशिक्षण के द्वारा इन सभी 44 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र दिया गया एवं इसी तरह नवाचार कार्य को करते हुए करते रहने पर बल दिया गया। आशीर्वचन के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी महोदय ने इन सभी शिक्षकों को बढ़-चढ़कर काम करने और शून्य निवेश पर जो हम पठन सामग्री निर्माण करते हैं बच्चों को सिखाने के लिए उसे और अधिक व्यवस्थित करने एवं बच्चों पर लागू करने का भरपूर प्रयास करने हेतु कहा गया।
बस्तर जिले में परंपराएं बहुत अधिक हैं हमारे जिले में उन परंपराओं पर विज्ञान का क्या दृष्टिकोण होता है उसे विज्ञान शिक्षक कितना अधिक समझते हैं और उन बातों को हम यहां पर एक प्रेरक के रूप में लोगों को कैसे समझाएं इसलिए एक म्यूजियम के रूप में उन सभी के बारे में विस्तृत जानकारी दीवारों पर दी गई है साथ ही सामग्री कैसे दी गई है उसका चित्रांकन किया गया है एवं कुछ नमूने के रूप में सामग्री भी रखी गई है जिसके आधार और उस सामग्री को देखकर हम विज्ञान की सोच कैसे रखते हैं इस पर एक म्यूजियम गठित किया गया है जिसका भी हमारे सभी विज्ञान के पी एल सी शिक्षक साथियों ने देखा एवं उन सामग्री को और अधिक व्यवस्थित करने का बीड़ा उठाया है इस तरह से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक 11:00 से 2:00 के बीच किया गया इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी रहे एपीसी प्रशिक्षण गणेश तिवारी ने सभी शिक्षकों को अपने शब्दों से संबोधन किया एवं हम अपने जिले के लिए और अच्छा क्या करें इस पर व्याख्यान भी दिया गया और इस तरह से आज का कार्यक्रम संपन्न हुआ।