जिसको बिठाते थे सिर-आंखों पर कतराने लगे अब नज़रे
राजनीति में कब ऊंट किस करवट बैठेगा नहीं जानता कोई
जय-बीरु ने एक-दूसरे को बनाया गब्बर

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2013 से 18 तक जिस नेता के हर कार्यक्रम में इर्द-गिर्द घुमने वाले नेता व पदाधिकारी जोकि पलक पांवड़े बिछाए हुए थे, अब वह नेता अंतर्ध्यान हो गए हैं लेकिन सनद रहे कि राजनीति कब किस करवट बैठेगा वह कोई नहीं जानता।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के कभी जय -बीरु की हिट जोड़ी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पिछले विधानसभा चुनाव में जोरदार प्रदर्शन किया और जनता के आशिर्वाद से 68 सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराया किंतु जब मुख्यमंत्री बनने की बारी आई तो भूपेश बघेल का सितारा चमका। उसके बाद जय-बीरु की जोड़ी में कथित तौर पर ढ़ाई-ढ़ाई साल के सत्ता के लिए संघर्ष इतना बढ़ गया है कि जय-बीरु अब एक -दूसरे के गब्बर बन गए हैं जिसके कारण कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधियों,पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में भी खेमेबाजी देखने को मिल रहा है। जिसकी बानगी यह है कि स्वास्थ्य मंत्री जगदलपुर पहुंचे और शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सहित पदाधिकारी नदारद रहे तो विधायक ने भी उनसे दूरी बनाने में ही भलाई समझी। इसी प्रकार बस्तर जिले के ग्रामीण अध्यक्ष सहित उनके जिला व ब्लाक पदाधिकारी भी दूर रहे तो ग्रामीण क्षेत्र के ढ़ाई विधायक में दो विधायक की दूरी भी चर्चा का केंद्र रही। यहां यह बताना जरूरी है कि पूर्व में बतौर संगठन के प्रमुख होने के नाते वह लोग उनके आगे पिछे घुमते थे और घर में दावत देते थे लेकिन अब वह कन्नी काटते हुए नजर आ रहें हैं।

विधायकों की पसंदों को किया दरकिनार

दूसरी तरफ विधायकगणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि पंचायत से संबंधित व स्वास्थ्य विभाग में जितने भी नियुक्ति हो रही है उसमें उनकी बातों को तवज्जो नहीं दी जा रही है।