अर्जुन झा
बस्तर की प्रखर पत्रकारिता के पर्याय वरिष्ठ पत्रकार भाई शंकर तिवारी का अवसान हम सभी के हृदय को अवसाद से भर गया। शंकर भाई बस्तर की पत्रकारिता और पत्रकार हितों को दीमक की तरह चाटने वाले पत्रकार गिरोह की घनघोर प्रताड़ना के कारण अस्वस्थ होकर असमय मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। उनका संघर्ष और उनका कद इतना विशाल है कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने बीजापुर में पत्रवार्ता के पहले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा उनके घर जाकर परिवार से मिले और गिरोहबाज पत्रकारों द्वारा लगातार दी गई प्रताड़ना की शिकायत मिलने पर जल्द ही कार्रवाई का भरोसा दिलाया। शंकर भाई के निधन से बस्तर सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन सहित समस्त जनप्रतिनिधि और पत्रकारिता के आदर्शों पर चलने वाले सभी पत्रकार साथी व्यथित हैं। सभी ने शंकर भाई के संघर्ष को नमन किया है।
शंकर भाई का निधन ऐसे समय हो गया, जब पत्रकार हितों के लिए उनके वर्षों की तपस्या पूरी हो रही है। बस्तर जिला पत्रकार संघ पर तेरह चौदह साल से कुंडली मारकर बैठे माफिया की विदाई का समय आया है और दुःखद यह है कि इसके लिए लगातार जूझने वाले शंकर भाई अपने संघर्ष का सुफल देखने हमारे बीच नहीं हैं। बस्तर जिला पत्रकार संघ का चुनाव शंकर भाई और उनके साथ जूझने वाले पत्रकार साथियों के सतत संघर्ष का परिणाम है। शंकर भाई का सपना (बस्तर जिला पत्रकार संघ का चुनाव) सच साबित हो रहा है। शुभ घड़ी में शंकर भाई के निधन का अशुभ समाचार आ गया। शंकर भाई हम सबके दिल में अमर रहेंगे। उनकी नश्वर काया हमसे दूर हो कर अनंत ज्योति में विलीन हो गई है लेकिन उनके संघर्ष की मशाल सदा आलोकित करती रहेगी। हम सभी का मार्गदर्शन करती रहेगी। बस्तर जिला पत्रकार संघ के चुनाव के लिए संघर्ष करने के कारण प्रताड़ित होकर जीवन होम कर देने वाले शंकर भाई को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि हम सभी मिलकर कब्जेबाज गिरोह के अस्तित्व को सदा सर्वदा के लिए ध्वस्त कर दें।