कांग्रेस की राजनीति में छत्तीसगढ़ का कद बढ़ा, हरियाणा- राजस्थान की जंग जीतने पर बजेगा डंका

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“अर्जुन झा”

सोनिया को भूपेश, सिंहदेव, राजीव पर भरोसा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हर कांग्रेस कार्यकर्ता की जुबान पर एक ही वाक्य होता है- भूपेश हैं तो भरोसा है। यह बात अब यकीन के साथ कांग्रेस राजनीति के राष्ट्रीय संदर्भ में कही जा सकती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी टीम पर कांग्रेस नेतृत्व को पक्का भरोसा है। रिक्त हो रही दोनों राज्यसभा सीटों पर निर्विरोध चुनाव जीतने वाली छत्तीसगढ़ कांग्रेस की, पार्टी में पहले से ही काफी अहमियत रही है। अब कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में छत्तीसगढ़ का कद और बढ़ गया है। कांग्रेस नेतृत्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके वरिष्ठ सहयोगी टीएस सिंहदेव को पहले भी विभिन्न राज्यों में जिम्मेदारी सौंपता रहा है लेकिन इस बार हरियाणा और राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में दांव पर लगी कांग्रेस की प्रतिष्ठा की रक्षा का जिम्मा छत्तीसगढ़ को सौंपकर पार्टी आलाकमान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर उसे कितना अधिक भरोसा है। यहां से जुड़े तीन दिग्गज नेताओं को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने हरियाणा और राजस्थान में बिगड़े समीकरण दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही, छत्तीसगढ़ से राज्य सभा के लिए नवनिर्वाचित राजीव शुक्ला को हरियाणा का आब्जर्वर बनाया गया है तो वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल के साथ छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव को राजस्थान में कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी को दिल्ली भेजना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

इधर छत्तीसगढ़ में हरियाणा के 30 विधायक मौजूद हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उनसे संपर्क बना हुआ है। खबर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हरियाणा से कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के साथ मिलकर रणनीति तैयार कर रहे हैं। हरियाणा के कांग्रेस विधायकों को बाहरी दबाब से मुक्त रखने के इरादे से रायपुर भेजा गया है और बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक कांग्रेस नेतृत्व के फैसले के समर्थन में एकजुट हैं। हरियाणा के अलावा राजस्थान में भी प्रत्याशी चयन को लेकर विरोध के स्वर सुनाई देने से सतर्क नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर ही भरोसा व्यक्त किया है। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की रणनीति सफल होने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में छत्तीसगढ़ का डंका बजना तय है। वैसे भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह पर बड़ी संजीदगी से राहत दी है। इसलिए राजस्थान के कांग्रेस विधायकों पर भी छत्तीसगढ़ और यहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का प्रभाव है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तेजी से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को फौलादी मजबूती दी है, वह अद्भुत है। छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल के करिश्माई नेतृत्व में बड़े बड़े राज्यों के मुकाबले कांग्रेस के लिए बहुत ज्यादा महत्व रखता है। यही कारण है कि भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ मॉडल कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस विरोधियों के लिए भी आकर्षण का विषय बन गया है। कांग्रेस नेतृत्व द्वारा छत्तीसगढ़ पर किये गए भरोसे को देखते हुए संभावना बढ़ी है कि भविष्य में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति का एक सशक्त अंग होगा। एक समय था जब इंदिरा गांधी के जमाने में कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति में छत्तीसगढ़ अंचल का सिक्का चलता था, आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ का वही दबदबा बहाल कर दिया है।