नगरनार इस्पा त संयंत्र के प्रारंभ होने में तेजी लाने का लक्ष्यश: सोमनाथ नंदी, निदेशक (तकनीकी) नगरनार पहुंचे

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नगरनार I 13 जून 2022: सोमनाथ नंदी, निदेशक (तकनीकी) एनएमडीसी आज दोपहर नगरनार पहुंचे। एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा पिछले सप्ताह निदेशक तकनीकी को हैदराबाद से नगरनार स्थांतरण करने के निर्णय का यह नतीजा है। नंदी की पदस्थापना स्टील प्लांट की शीघ्र कमीशनिंग के मद्देनजर की गई है।

नगरनार पहुँचकऱ नंदी ने कहा,”हमने इस्पात संयंत्र को शीघ्र कमीशन करने की योजना बनाई है। इसके लिए हमें अपना लक्ष केंद्रित कर आगे बढ़ना होगा ताकी जल्द ही बस्तर का सपना साकार हो सके। इस महत्वपूर्ण मोड़ पर स्टील प्लांट से जुड़े सभी हितधारकों को सकारात्मक योगदान देना होगा। इस वक़्त ज़रूरी है के हम अनुचित अटकलों से बचें ताके कमिशनिंग में कार्यरत हमारी टीम अपने कार्य पर लक्ष्य केंद्रित कर सके।”

नवरत्न खनन कंपनी एनएमडीसी का निदेशक मंडल हैदराबाद में स्थित एनएमडीसी मुख्यालय से कंपनी के कामकाज का संचालन करता है। हैदराबाद का निदेशक मंडल एनएमडीसी की बैलाडीला और दोणिमलै में प्रमुख लौह अयस्क खदानों, पन्ना में हीरा खनन परियोजना और भारत और विदेशों में कई अन्य परियोजनाओं के संचालन का प्रबंधन करता है। अब तक एनएमडीसी की इस्पात संयंत्र परियोजना की निगरानी और प्रबंधन हैदराबाद से किया जा रहा था।

नंदी के नगरनार में स्थानांतरण से संयंत्र की कमीशनिंग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नंदी का इस्पात उधोग का व्यापक अनुभव है। स्टील प्लांट की पेचीदगियों को भलीभांति समझने की उनकी योग्यता के अलावा उनकी उत्कृष्ट मानव प्रबंधन क्षमता से स्टील प्लांट परियोजना लाभांवित होगी।

पिछले साल दिसंबर में एनएमडीसी ने मेकॉन को स्टील प्लांट प्रारंभ करने तथा इसे शुरुआती दौर में संचालित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी। परियोजना स्थल पर श्री नंदी की उपस्थिति से महत्वपूर्ण निर्णय लेने में समय का अंतराल घटेगा और मेकॉन और एनएमडीसी के बीच समन्वय बेहतर बनेगा।

3 मिलियन टन की वार्षिक इस्पात उत्पादन क्षमता वाला स्टील प्लांट अब परीक्षण, एकीकरण और स्थिरीकरण के अंतिम चरण में है और कमीशनिंग की ओर बढ़ रहा है। एनएमडीसी की स्टील प्लांट परियोजना का दोहरा महत्व है क्योंकि यह हाल के दिनों में स्थापित किया जा रहा एकमात्र ग्रीन फील्ड इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट है। इस संयंत्र का देश की अग्रणी परियोजनाओं में शुमार होता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण बस्तर क्षेत्र में स्थापित किया गया है। स्टील प्लांट की कमीशनिंग से बस्तर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होने की पर्याप्त संभावनाएं हैं।