विदित हो कि विगत दिनों बालोद जिला वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र में जामडीपाट पाटेश्वर धाम आश्रम निर्माण के विरूद्व कब्जा व बेदखली शब्द का उपयोग करत हुए एकतरफा नोटिस दिया गया है। जबकि पाटेश्वर धाम की तरह छत्तीसगढ़ के वनक्षेत्र में अनेक देव स्थान व आश्रम स्थापित है, किन्तु नोटिस केवल पाटेश्वर धाम आश्रम को ही दिया गया है |
चूँकि इस क्षेत्र में कुछ समय से हिन्दू प्रतिकों पर लगातार प्रहार किया ज रहा है, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि वनांचल क्षेत्र में हिन्दु धर्म संस्कृति व गहरी आस्थ के प्रतीक बन चुके 40 वर्ष पुराना आश्रम को द्वेषपूर्ण एक तरफा नोटिस देना कोई गहर शाजिश है। इसके अलावा स्थानीय ग्राम पंचायत से लेकर आदिवासी समाज को आश्रम के विरूद्व भड़का कर सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास भी निंदनीय है |
महोदया जी, विगत कई वर्ष से जामड़ीपाट पाटेश्वर धाम द्वारा शासन प्रशासन से जमीन का पट्टा प्रदान करने हेतु आवेदन के माध्यम से आग्रह किया जा चुक है, किन्तु प्रशासन द्वारा आवेदन पर विचार करने की बजाय उन्हे बेदखली का नोटिस देन सोची समझी साजिश प्रतीत होता है।
अतः आपसे निवेदन है कि यदि शीघ्र ही बालोद जिला वन विभाग सहित स्थानीय जिला प्रशासन इस संबंध में काई सकारात्मक निर्णय नहीं लेता है तो समस्त हिन्द संगठनों सहित जनता को न्याय मांगने सड़क पर उतरना पड़ेगा, इसकी समस्त जिम्मेदार प्रशासन की होगी।