अमरेश झा
कोण्डागांव। बेहतर शिक्षा के लिए दूरस्थ अंचल गोलावण्ड में संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का स्थापना किया गया। बेहतर आवासी शिक्षा के लिए स्थापित इस स्कूल में कक्षा बारहवीं के बालक विद्यार्थियों को इन दिनों लिंग भेद का शिकार होना पड़ रहा है। इससे वे अपने आगामी परीक्षा और उसके परिणाम से चिंतित हैं। विद्यार्थियों ने सीधा आरोप लगाया है कि, उनके शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप उन्हें साइंस पढ़ाने से मना कर दिए हैं, जबकि वे नियमित तौर पर छात्राओं का कक्षा संचालित कर रहे हैं। इसके पूर्व भी ग्रामीणों के द्वारा शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप के भर्ती को लेकर शिकायत की गई थी। युधिष्ठिर कश्यप के विरुद्ध शिकायत है कि, वे गैर जिला वासी होने के बावजूद गलत भर्ती नियम के तहत उनकी गोलावण्ड एकलव्य में नियुक्ति की गई है।
दबी हुई सिसकियों में संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय गोलावण्ड के स्कूली बालकों ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि, गत वर्ष तक स्कूल में शिक्षक की कमी थी। इस कमी को लेकर परिजन, गांव के प्रमुख ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर कार्यालय में कई बार अर्जी दिया। नतीजन स्कूल में गत वर्ष नवीन शिक्षकों की भर्ती हो पाई। बच्चों ने आगे बताया कि, शिक्षक भर्ती के बाद ग्यारहवीं की पढ़ाई में काफी बदलाव महसूस किया गया, शिक्षा का स्तर भी सुधरने लगा। अब जब ग्यारहवीं के ही बच्चें बारहवीं पहुंच गए तो, उनके साथ शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप लिंग भेद करना शुरू कर दिए हैं। बच्चों ने साफ तौर पर कहा है, बारहवीं के बालक विद्यार्थियों को युधिष्ठिर कश्यप कह चुके हैं कि, बारहवीं के लड़कों को वे नहीं पढ़ाएंगे। शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप के इस तरह से बच्चों के साथ लिंग भेद करने से वे चिंतित है। बच्चे अपने शिक्षा को लेकर किसी से शिकायत करने के लिए भी डर रहे हैं, क्योंकि बच्चों का आरोप है, शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप बारहवीं के सभी लड़कों को छोटी मोटी गलतियों पर भी बेतहाशा पीटते हैं। उन्हें वार्निंग देकर सुधारने का भी मौका नहीं दिया जाता। इससे वे मानसिक रूप से भी प्रताड़ित हो रहे हैं।
पंच सरपंच ने लगाया नियम विरूद्ध भर्ती का आरोप
बच्चों के साथ लिंग भेद जैसे गंभीर मामले को लेकर जब गांव के सरपंच सहदेव बघेल, पूर्व सरपंच राम कोर्राम, पंच व अन्य से चर्चा किया गया तो मामला दूसरा ही रूख लेता दिखा। गांव के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि, चतुर्थ कर्मी जैसे पद के लिए गांव के शिक्षित बेरोजगारों का भर्ती होना था। इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रस्ताव भी बनाकर दिया गया। पंचायत के प्रस्ताव को दरकिनार करते हुए चतुर्थवर्गीय कर्मियों की दैवेभो कर्मियों के तौर पर नियुक्ति की गई। इस तरह उन्होने शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप के बारे में बताया, बस्तर जिला के शिक्षक युधिष्ठिर कश्यप की नियम विरूद्ध भर्ती हुई हैं। वे मुल रूप से फरसागुड़ा गांव के रहने वाले हैं। इस बारे में कोण्डागांव के पूर्व अधिकारियों वे पंचायत प्रतिनिधियों ने शिकायत भी किया था। तात्कालिक अधिकारियों ने पंचायत प्रतिनिधियों के शिकायत को दरकिनार कर दिया।
प्राचार्य डीएस पोटाई कार्यालय में गुड़ाखु घीसते कैमरे में कैद
इन सारे मामलों को लेकर जब प्राचार्य डीएस पोटाई से चर्चा करने उनके संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय गोलावण्ड के प्राचार्य कक्ष में पहुंचे तो वे स्वयं कार्यालय मैं बैठकर गुड़ाखु घिसते मिले। उनकी यह हरकत कैमरे में कैद की गई तो वे कई गोलमोल जवाब देकर मामले को रफा दफा करवाने का विनती करते रहे। उन्होने स्कूल में भर्ती या लिंग भेद के मामले पर संज्ञान ना होना बताया हैं।
ग्रामीणों का स्कूल प्रवेश निषेध,
मुलाकात के लिए पहुंचे पाठकों से अमानवीय व्यवहार
गांव के जनप्रतिनिधियों ने स्कूल पर एक और आरोप लगाया हैं। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि, यदि बच्चों के माध्यम से पानी, बिजली या किसी अन्य मुद्दा को लेकर शिकायत किया जाता है तो वे कुछ कर नहीं पाते। क्योकि गांव या जनप्रतिनिधियों को विद्यालय प्रवेश निषेध कह कर लौटा दिया जाता हैं। इधर स्कूल के बच्चों का कहना है कि, यदि उनके परिजन हॉस्टल में मुलाकात के लिए आते है तो, बच्चों के सामने ही परिजनों से अमानवीय व्यवहार किया जाता हैं। इससे बच्चों को आहत पहुंचता हैं।
मामले की होगी जांच – कलेक्टर दीपक
इस पूरे मामले पर कोण्डागांव के कलेक्टर दीपक सोनी ने संज्ञान लेते हुए मामले का जांच की बात कहे हैं।