भाजपा का प्रयोग ला सकता है दुर्योग

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अर्जुन झा

जगदलपुर। भाजपा में संगठन स्तर पर किये जा रहे नित नये प्रयोग और मास्टर स्ट्रोक का खेल आगामी चनावों में पार्टी के लिए भारी पड़ सकते हैँ। भाजपा के ऐसे प्रयोग पार्टी के लिए दुर्योग भी साबित हो सकते हैँ। पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब प्रदेश प्रभारी को एक झटके मे ही पद से चलता कर दिया यह कार्यवाही तब हुई, जब भाजपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी जब प्रत्येक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ मंच साझा कर रही थी। इसके पहले विश्व आदिवासी दिवस के दिन पार्टी के अध्यक्ष विष्णुदेव साय को अध्यक्ष पद से हटाया गया था। इस से प्रदेश मे आदिवासी समाज, आम नागरिकों के बीच भाजपा के प्रति गलत धारणा बनने लगी है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा छत्तीसगढ़ में हुंकार भरते हुए कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार कर रहे थे। उनके साथ छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी भी साथ में मंच साझा कर रहीं थी। लेकिन कुछ ही देर बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी को पद से हटाकर ओमप्रकाश माथुर को नया छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी के अधिकारिक फेसबुक में जगत प्रकाश नड्डा के नाम से यह आदेश जारी किया गया। सूत्रों से जानकारी मिली कि जिस समय पार्टी का यह फरमान जारी हुआ, उस समय डी.पुरंदेश्वरी मीटिंग रूम में जगत प्रकाश नड्डा के साथ पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहीं थी। इस कार्यवाही से भाजपा के कार्यकर्ताओं तथा पार्टी के प्रति झुकाव रखने वाले मतदाताओं को ठेस पहुंची है।
इसी तरह 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की गई थी। इसमें छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज से आने वाले विष्णु देव साय को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर बिलासपुर सांसद अरुण साव को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। जिसके बाद चर्चाएँ गर्म थी कि आदिवासी दिवस के मौक़े पर एक आदिवासी नेता को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा कर भाजपा ने आदिवासी समाज का अपमान किया है। इसी तरह आज जब एक तरफ छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी डी.पुरंदेश्वरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ मंच साझा कर रहीं थीं, तब उन्हें पद से अचानक हटा दिया गया। उनकी जगहा ओमप्रकाश माथुर को छत्तीसगढ़ का नया प्रदेश प्रभारी नियुक्त किये जाने का आदेश जारी कर दिया गया।

ऐसा कयास लगाया जा रहा है की इस बार छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्यों, जहाँ भाजपा की सरकार नहीं है और वहां चुनाव नजदीक है, वहां पार्टी ने इस तरह का अचानक बदलाव की कार्यवाही का प्रयोग किया है। चर्चा के अनुसार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मार्गदर्शन के अनुसार ही भाजपा मे इस तरह के कदम उठाये जाते हैँ। भाजपा मे संघ का निर्णय सर्वमान्य होता है। छत्तीसगढ़ मे राष्ट्रीय स्वयं संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत समेत शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की उपस्थिति में प्रदेश प्रभारी को बदले जाने से तरह तरह के सवाल खड़े हो रहे हैँ।