बस्तर वनमंडल : बिना साइन बोर्ड लगाए जगदलपुर वन परिक्षेत्र के अधिकारी करा रहे लाखों के निर्माण कार्य

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भ्रष्टाचार : लाखों रुपए के पुलिया निर्माण के कार्य बिना साइन बोर्ड के वन विभाग के अधिकारी करवा रहे कहावत है जंगल में मोर नाचा किसने देखा और यह कहावत अगर किसी विभाग में सबसे अच्छी तरीके से फलीभूत होती है तो वह विभाग वन विभाग ही है क्योंकि लाखों के निर्माण कार्य के अलावा कई ऐसे कार्य हैं जिसे वन विभाग के अधिकारी कागजों में पूरा कर राशि आहरण करने के लिए कुख्यात रहे हैं और इसमें काफी हद तक छोटे अधिकारियों को बड़े अधिकारियों का संरक्षण किसी न किसी तरीके से मिलता रहता है जिससे विभाग के लोग शासन को करोड़ों रुपए की क्षति किसी न किसी तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं इसी प्रकार से शासन का स्पष्ट निर्देश होता है कि किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य होता है

सड़ो की बाईट निचे लेंगे |

जिसमें निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी देनी होती है जैसे की लागत राशि मजदूरों को देने जाने दिए जाने वाले मजदूरी भुगतान का विवरण के अलावा कार्य की समय सीमा और निर्माण एजेंसी का नाम लिखा जाना होता है लेकिन वन विभाग के अधिकतर निर्माण कार्यों में वन विभाग के अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं ताजा मामला शहरी क्षेत्र से लगा आमागुड़ा से धुरगुड़ा जाने वाले मार्ग में स्थित वन विभाग के इलाके में दिख रहा है जहां लाखों के पुलिया निर्माण का कार्य जगदलपुर वन परिक्षेत्र के अधिकारी बिना साइन बोर्ड लगाए ही करवा रहे हैं निर्माण कार्यों को शुरू करने से पहले इस प्रकार की लापरवाही शासकीय विभागों के अधिकारी जानबूझकर करते हैं ताकि निर्माण कार्यों के संबंध में कोई भी जानकारी क्षेत्र के लोगों और जनप्रतिनिधियों को ना मिल पाए और आसानी से ही कार्य पूरा हो जाए और भ्रष्टाचार करने की उनकी मंशा भी पूरी हो जाए जगदलपुर वन परिक्षेत्र द्वारा कराए जा रहे उक्त निर्माण के कार्य स्थल का दौरा करने पर यह भी पाया गया कि निर्माण स्थल पर वन विभाग का कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी उपस्थित नहीं रहा जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण कार्य भी केवल मजदूरों के भरोसे ही वन विभाग करवा रहा है जबकि निर्माण स्थल पर विभाग के कर्मचारी अथवा इंजीनियर का होना अनिवार्य होता है इसे आसानी से कल्पना की जा सकती है कि जब शहरी क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही वन विभाग के अधिकारी बरत रहे हैं तो दूरस्थ क्षेत्रों में चल रहे कार्यों में वन विभाग के अधिकारी कितनी संवेदनहीनता के साथ कार्य कर रहे होंगे कार्य पूरा होने के पश्चात वन विभाग के अधिकारी साइन बोर्ड लगाने के पैसे तक खा जाते हैं मगर साइन बोर्ड नहीं लगाते यह समझना समझ से परे है विभाग के बड़े अधिकारी इस प्रकार के निर्माण कार्य जो शहरी क्षेत्र में चल रहे हैं उनके शुरू होने से पहले या निर्माण कार्य के दौरान भी निर्माण स्थल का दौरा करते हैं या नहीं उनकी कार्यप्रणाली पर भी यह सवाल उठना भी लाजमी है इस मामले में वन विभाग के एसडीओ आशीष कुमार से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को शुरू करने से पहले साइन बोर्ड लगाने के संबंध में शासन से कोई भी दिशा निर्देश वन विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है और विभाग निर्माण कार्यों के शुरू होने या पूरा होने के बाद कभी भी साइन बोर्ड लगाने लगाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है |