- बाल्यावस्था में शेर – चीतों के साथ खेलने वाले चेंदरू की सुध ली सरकार ने
- गृहग्राम गढ़बेंगाल में स्थापित होगी चेंदरू मंडावी की आदमद प्रतिमा
- बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण से 10 लाख की मंजूरी
- बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण से 10 लाख की मंजूरी
- चेंदरू अभिनीत हॉलीवुड फिल्म को मिल चुका है ऑस्कर अवार्ड
अर्जुन झा
जगदलपुर : बालपन में ही वह शेर, चीते जैसे खूंखार वन्य प्राणियों के साथ खेला करता था. वन्य प्राणियों के प्रति उस बालक के मन में अथाह प्रेम और सम्मान था. वन्य प्राणी भी उस बालक के छल रहित प्यार के आगे नत मस्तक हो जाया करते थे. चेंदरू के सम्मान में वन्य प्राणी इस कदर झुक जाते थे कि अपनी वंशानुगत हिंसात्मकता को भी वे भूल जाते थे. ऐसा गुणी और बहादुर था बस्तर के नारायणपुर का हमारा अपना यह वन पुत्र. उसके इसी गुण और निर्भीकता ने हॉलीवुड को उस पर फिल्म बनाने के लिए मजबूर कर दिया. बस्तर के इस वीर बालक को हिंसक वन्य प्राणियों और हॉलीवुड ने तो पूरा सम्मान दिया, लेकिन अपने ही प्रदेश और देश ने उसे बिसरा दिया. ऐसी ही गुमनामी और बदहाली के बीच उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. मृत्यु के सालों बाद भी किसी ने उसकी कद्र करने और उसके परिवार की बदहाली दूर करने की दिशा में जरा भी ध्यान नहीं दिया था
जी हां हम बस्तर के मोगली के नाम से विख्यात हुए वीर आदिवासी बालक चेंदरू की ही बात कर रहे हैं. ये दुख भरी दास्तां है बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित ग्राम गढ़ बेंगाल में जन्मे चेंदरू मंडावी की. चेंदरू की वीरता से अब कोई भी अपरिचित नहीं है. बस्तर संभाग के साथ ही छत्तीसगढ़ और भारत देश का भी मान बढ़ा गए चेंदरू मंडावी को जीते जी तो शासन की ओर से सम्मान नहीं मिला, उसका बुढ़ापा भी बड़ी लाचारी में गुजरा और पीछे रह गया उसका परिवार आज भी बदहाली में जीवन यापन करने विवश है. हाल ही में इस संवाददाता ने चेंदरू की पुण्यतिथि पर उसके साथ हुई नाइंसाफी और उसके परिवार की दयनीय दशा पर आधारित समाचार का प्रकाशन किया था. इसका सकारात्मक असर भी हुआ. खबर छपने के बाद बस्तर विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने स्व. चेंदरू मंडावी की गौरव गाथा को बहाल करने की दिशा में सबसे पहले कदम बढ़ाया. कलेक्टरेट दफ़्तर के सभाकक्ष में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक श्री बघेल ने गढ़ बेंगाल में चेंदरू मंडावी की आदमकद प्रतिमा स्थापित कराने के लिए 10 लाख रु. की मंजूरी प्रदान करने की घोषणा की.
समाज- गौरव हैं चेंदरू:बघेल
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा बस्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है कि चेंदरू हमारे आदिवासी समाज ही नहीं, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के गौरव रहे हैं. उनकी प्रतिमा की स्थापना कराना हमारा एक छोटा सा प्रयास मात्र है. कोशिश होगी कि चेंदरू के परिवार की भलाई के लिए शासन स्तर पर पहल हो.
दोस्त था शेर शावक टेम्बू
विधायक लखेश्वर बघेल ने बताया कि चेन्दरू जब छोटा बच्चा था तब उसे खेलने के लिए उसके पिता एवं दादा ने उपहार में शेर का एक शावक दिया था. चेंदरू के परिजनों ने शेर शावक को टेम्बू नाम दे रखा था. कुछ ही दिनों में टेम्बू और चेंदरू के बीच गहरी दोस्ती हो गई. दोनों का पूरा दिन साथ खेलने कूदने में बीतता. दोनों साथ ही सोते भी थे. चेंदरू और टेम्बू की अनूठी दोस्ती की कहानी बस्तर में विस्तारित होने के बाद यहां से निकलकर राज्य और देश तक ही नहीं बल्कि सात समंदर पार भी जा पहुंची. फिर क्या था. हॉलीवुड के एक बड़े फिल्म निर्माता ने बस्तर पहुंचकर चेंदरू को ’द टाईगर ब्वाॅय करार दिया. इसी के साथ चेंदरू भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया. चेंदरू तो खुद विश्व विख्यात हुआ ही अपितु उन्होंने अबूझमाड़ बस्तर को भी विश्व पटल पर प्रसिद्धि दिलाई. चेंदरू के जीवन पर बनी फिल्म ’’द जंगल सागा’’ को ऑस्कर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था.